कवितालयबद्ध कविता
नन्ही कली
नन्ही कली की तमन्ना है
मैं भी फूलो की तरह खिलू
चारो तरफ खुशबू फैलाऊं
रंग बिरंगी तितलियों की तरह
इठलाऊं इतराऊ
फूलो के रंगों चुराऊ
कोयल की तरह मधुर राग सुनाऊं
मोरनी की तरह पखं फैलाकर झूम झूम नाचूं
आसमान मे इन्द्रधनुषिय रंगों की छटा बिखेरू
सारा समा हो जाए सुहाना
मुझे मत तोड़ो
मुझे खिलने दो
मुझे जन्म लेने दो
प्रियंका पांडेय त्रिपाठी
प्रयागराज उत्तर प्रदेश
स्वरचित एवं मौलिक
बहुत सुंदर रचना
जी धन्यवाद
हार्दिक आभार 🙏