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अंधेरा और प्रकाश - नेहा शर्मा (Sahitya Arpan)

सुविचारप्रेरक विचार

अंधेरा और प्रकाश

  • 193
  • 5 Min Read

जीवन की बत्ती तभी तक प्रकाश से भरी रहती है जब अपनों का साथ प्रकाश बनकर चमकता रहता है। अकेलेपन में दिए का प्रकाशहीन होना बिल्कुल सत्य है
- नेहा शर्मा

हमें प्रकाश की जरूरत तभी पड़ती है जब अंधेरा हो। वरना दिल से अंधे लोगो के लिए अंधेरा और प्रकाश में कोई फर्क नही होता। क्योंकि उनके आंखों पर तो पट्टी बंधी रहती है। - नेहा शर्मा

अंधेरे को रोशनी और रोशनी को अंधेरा एक दिन काट ही देता है। इसलिए यह कभी मत सोचो कि तुम सबसे ऊपर हो तुम्हे नीचे कोई नही उतार सकता। - नेहा शर्मा

प्रकाश की चमक और गहरी हो जाती है जब दो चार प्रकाशवान दिए उसके इर्द गिर्द आ जाते हैं। सोचिये यदि आप सभी मिल जाये तो कितना प्रकाश होगा। - नेहा शर्मा

अंधरे कुंए में गिरे प्राणी को जिस प्रकाश की तलाश होती है अपने डर को मारने के लिए ठीक वैसे ही प्रकाश आने पर उसके अंदर हर समस्या से लड़ने की ललक भी जग जाती है। - नेहा शर्मा

नेहा के खजाने से कुछ ज्ञान की बाते
सुप्रभात सभी को

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Madhu Andhiwal

Madhu Andhiwal 3 years ago

बहुत सुन्दर

शिवम राव मणि

शिवम राव मणि 3 years ago

बहुत ही प्रेरक विचार