सुविचारप्रेरक विचार
जीवन की बत्ती तभी तक प्रकाश से भरी रहती है जब अपनों का साथ प्रकाश बनकर चमकता रहता है। अकेलेपन में दिए का प्रकाशहीन होना बिल्कुल सत्य है
- नेहा शर्मा
हमें प्रकाश की जरूरत तभी पड़ती है जब अंधेरा हो। वरना दिल से अंधे लोगो के लिए अंधेरा और प्रकाश में कोई फर्क नही होता। क्योंकि उनके आंखों पर तो पट्टी बंधी रहती है। - नेहा शर्मा
अंधेरे को रोशनी और रोशनी को अंधेरा एक दिन काट ही देता है। इसलिए यह कभी मत सोचो कि तुम सबसे ऊपर हो तुम्हे नीचे कोई नही उतार सकता। - नेहा शर्मा
प्रकाश की चमक और गहरी हो जाती है जब दो चार प्रकाशवान दिए उसके इर्द गिर्द आ जाते हैं। सोचिये यदि आप सभी मिल जाये तो कितना प्रकाश होगा। - नेहा शर्मा
अंधरे कुंए में गिरे प्राणी को जिस प्रकाश की तलाश होती है अपने डर को मारने के लिए ठीक वैसे ही प्रकाश आने पर उसके अंदर हर समस्या से लड़ने की ललक भी जग जाती है। - नेहा शर्मा
नेहा के खजाने से कुछ ज्ञान की बाते
सुप्रभात सभी को