Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
कलम से लगन लगी - Priyanka Tripathi (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

कलम से लगन लगी

  • 984
  • 8 Min Read

स्वरचित::कलम से लगन लगी.......

आज मेरा मन कविमय हो गया
शब्दों के रस में में डूबकर भाव विभोर हो गया
कलम से ऐसी लगन लगी कि
सबकुछ लिखने को तैयार हो गया
आज मेरा मन कविमय हो गया!!

स्त्री पर लिखूं तो
मन खिन्न हो गया
सदियों से लेकर आज तक
स्त्रियों की दशा दयनीय है
स्त्रियों का शोषण..........
छल,कपट....................
भावनाओ के साथ खिलवाड़
स्त्रियों की दुर्दशा का हर दृश्य
मस्तिष्क पटल पर चलचित्र हो गया।

#शिक्षा पर लिखूं तो
आज शिक्षा का मन्दिर लूट खसोट
का राजनीतिक अड्डा बन गया है
आज की शिक्षा भी पथभ्रष्ट हो गई
शिक्षा में न मान सम्मान न संस्कार रह गया
सिर्फ डिग्री तथा नौकरी तक सीमित रह गई
आज शिक्षा प्रणाली सिर्फ दिखावटी बनावटी
बिकाऊ हो गया!!

#राजनीति पर लिखूं तो
विश्वास कमजोर पड़ गया
पद पैसा कुर्सी के लोभ मे
नेता इस कदर गिर गया
कि कानून को कठपुतली बना कर
अपने इशारे पर नचाने लगा
किसी की इज्जत,जिन्दगी
उसके लिए कोई मायने नही रखता
सत्य न्याय धर्म सब कुछ ताक पर रख दिया
कानून भी उसके सामने असहाय हो गया!!

#बालमन पर लिखूं तो
सिर शर्म से झुक गया
आज का पारिवारिक रहन सहन
सिनेमा TV का बालमन पर
गहरा प्रभाव पड़ रहा है
मासूमियत खोता जा रहा है
पथ भ्रमित होकर कुसगंतियो का शिकार हो गया!!

#वृद्धावस्था पर लिखूं तो
मन दुखी हो गया
बुजुर्ग माता-पिता को बोझ समझने लगे है
उनके भावनाओ की कोई कद्र नही
निरीह असहाय एक कोने मे पड़े है
उनकी सुध लेने के लिए भी समय नही है
अनाथो को सनाथ करने वाला
आज खुद अनाथ हो गया!!

आज मेरा मन कविमय हो गया
शब्दों के रस में में डूबकर भाव विभोर हो गया

प्रियंका पांडेय त्रिपाठी
प्रयागराज उत्तर प्रदेश

IMG_20201209_225049_1607534744.jpg
user-image
Gita Parihar

Gita Parihar 3 years ago

बहुत सुंदर रचना, वाह!

Priyanka Tripathi3 years ago

धन्यवाद 🌷😃

Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

बहुत सुंदर

Priyanka Tripathi3 years ago

धन्यवाद

वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg