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कफ़न में लिपटकर आना है - Priyanka Tripathi (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

कफ़न में लिपटकर आना है

  • 224
  • 4 Min Read

स्वरचित मौलिक::कफ़न मे लिपट कर आना है

मां अब समय आ गया
मुझे युद्ध भूमि मे जाना है।
भारत मां पुकार रही
उसकी लाज बचाना है।।

मां मुझे आज्ञा दो
देखो दुश्मन ललकार रहा है।
मत जकङो ममता की बेड़ियों मे
दुश्मन को मार भगाना है।।

मां तूने रग रग मे,
देशभक्ति का दीप जलाया है।
मां का मोह दिखाकर
क्यों तूने कसमें वादो मे बांधा है।।

मै तेरा लाल हूं
फिर लौटकर मुझको आना है।
यूं न मुझको कमजोर बना
मुझे दूध का कर्ज चुकाना है।।

मां आंखों से आंसू न बहाओ
पिता का यूं न अपमान करो।
याद करो पिता को दिया हुआ वचन
जिन्होंने देश की खातिर सब कुछ वार दिया।।

अब मेरी बारी है
मातृभूमि का फर्ज निभाना है।
जिन्दा न आ सका तो
कफ़न मे लिपट कर आना है।।

प्रियंका पांडेय त्रिपाठी
प्रयागराज उत्तर प्रदेश

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Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

जय हिंद

Priyanka Tripathi3 years ago

जय हिन्द

शिवम राव मणि

शिवम राव मणि 3 years ago

सुंदर गीत

Priyanka Tripathi3 years ago

Thankyou very much

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