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दिल का दर्द - Mamta Gupta (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

दिल का दर्द

  • 456
  • 7 Min Read

*********दिल का दर्द********
हरीभरी बगिया में मासूम से फूल जैसा खिला था ...
मुझे क्या पता , वो चेहरे पर चेहरा लगाकर मिला था ...

उसकी एक मुस्कुराते अंदाज पर पर दिल गवा बैठी ...
क्या पता था , उसके दिए गम को मैं जिंदगी भर पाल बैठी ...

दिखा कर सपने हजार , मुझे जन्नत सा महसूस कराया ...
लौट कर आऊंगा जल्द ही , कह कर मुझे इन्तेजार कराया ...

मेरा पागल मन उस बगिया के फूल की महक में खो गया ...
न जाने कब इस नन्हे से फूल की महक तक उड़ा गया ...

उसकी याद में दिन महीने साल न जाने कब गुजर गए ...
उसके आने की आस में पता नही चला कब कब्र तक पहुच गए ...

अपना बना कर , सुनहरे ख्वाब दिखा कर वो छोड़ कर चले गए ...
कभी जो हँसती थी आंखे तक मेरी , बस पानी छोड़ कर चले गए ...

न जाने लोग क्यों मुखौटा लगा कर मिलते है ...
अपने एहसास और झूठे प्यार मासूम दिल छलते है ...

अपने प्यार का जादू चला कर पल भर की खुशियां देते है ...
फिर जज्बातों से खेलते हुए शतरंज से भी गहरी चाल चलते है ...

उसके ही रंगों में खुद को खुद को रंगने का सुरूर था ...
टूट गया शायद उसके प्यार का मुझपे चढ़ा वो मेरा गुरुर था ...

कांच के टुकड़े से ज्यादा गहरा जख्म दे गया ...
मेरा दिल ही नही मेरा हर सपना तक तोड़ गया ...

झूठे कसमों और झूठे वादों में फसना तो बड़ी नादानी है ...
प्यार नही मिलता हर किसी को दर्द ही प्यार की निशानी है ...

वो बिता हर पल हर लम्हा बहुत याद आता है ...
अक्सर आंखों में आंसुओं का सागर दे जाता है ...

ममता गुप्ता
अलवर राजस्थान
स्वरचित

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Anju Gahlot

Anju Gahlot 3 years ago

वैसे कविता बढ़िया है.बस मात्राओं पर ध्यान दीजिये ममता जी!

Mamta Gupta3 years ago

जी जरूर आगे से ध्यान रखूंगी

Anju Gahlot

Anju Gahlot 3 years ago

नही×/पहुच×/इंतेजार× /है×(हैं)

Anju Gahlot

Anju Gahlot 3 years ago

वर्तनी दोष और शब्द समूह की आवृत्ति व्यवधान पैदा करती है.यथा-उसकी×(उसके)/पर×पर(आवृत्ति),दिए×(दिये)

Sarla Mehta

Sarla Mehta 3 years ago

बढ़िया

Mamta Gupta3 years ago

जी धन्यवाद

Gita Parihar

Gita Parihar 3 years ago

बहुत खूब।

Mamta Gupta3 years ago

जी धन्यवाद

वो चांद आज आना
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तन्हाई
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