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खामोश लफ्ज - Mamta Gupta (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

खामोश लफ्ज

  • 178
  • 3 Min Read

*_खामोश लफ्ज़ ..._*

जब कोई अपना दूर हो जाए दिल से ...
उसकी चाहत में खुद को वार देते है ...
दूर हो कर भी अकेले में उनसे ...
मेरे खामोश लफ्ज़ अक्सर बात करते है ...

जब जब थे पास हमारे दिल के ...
कभी न होंगे जुदा ये दुआ करते थे ...
अब तो बस 1बार मिलने का अरमान रखते है ...
मेरे खामोश लफ्ज़ अक्सर बात करते है ...

घूंट घूंट के जीने की अब तो आदत सी है फिर भी ...
तन्हाई के हर पल से ये फरियाद करते है ....
सिमट लूँ उनको अपनी बाहों में ये आस रखते है ...
मेरे खामोश लफ्ज़ अक्सर बात करते है ...

ममता गुप्ता
अलवर राजस्थान

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Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

Atyant Bhavpurna ..!

Neelima Tigga

Neelima Tigga 3 years ago

ख़ामोशी बहुत कुछ कह जाती है, समझने वाले के लिए

प्रपोजल
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