कहानीसामाजिकलघुकथा
पति परमेश्वर.
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करवा चौथ का व्रत सुहागिनें बहुत खुश थी । पति की लम्बी आयु के लिये पत्नियाँ पूरी तरह समर्पित होती हैं । मंजरी भी बहुत खुश थी । शादी के बाद पहली करवा चौथ थी। वह इसे जीवन की यादगार करवा चौथ बनाना चाहती थी । अनुज उसका पति एक उच्च अधिकरी ऊपर से सख्त मिजाज । मंजरी बहुत छोटे परिवार से आई थी । सुन्दर इतनी थी कि लगता ईश्वर ने अपने हाथ से फुर्सत में बनाया हो और इसी सुन्दरता के कारण अनुज के माता पिता ने इस को अपने घर की बहू बनाने का फैसला किया था । अभी कुछ समय ही तो बीता था शादी को पर वह अनुज के साथ रह नहीं पायी थी ना अनुज की तरफ से उसके लिये कोई विशेष अभिव्यक्ति व्यक्त हुई थी । वह सोचती थी कि अनुज बहुत व्यस्त हैं।
आज घर में बहुत चहल पहल थी । त्यौहार का दिन था वैसे भी ससुर जी काफी रूतबा वाले शख्स थे ।वह आज बहुत बेताबी से अनुज का इन्तजार कर रही
थी । शाम हुई परिवार की महिलायें और आस पास की महिलाएं सब सजधज के उनकी कोठी के लान में इकठ्ठी हो गयी । रमिया और कालू दोनों पति पत्नी थे व घर के बहुत पुराने नौकर थे । रमिया से मालूम हुआ कि हर साल सब महिलाएं यही पर एकत्रित होकर पूजा करती हैं।
सबने पूजा करली बस चांद निकलने का इन्तजार कर रहे थे सबके पति देव भी आचुके थे । समय बीत रहा था । वह बहुत बैचेन थी किससे पूछे ,महिलाओं में कानाफूसी भी हो रही थी । उसने अपनी सास जी की तरफ देखा वह भी परेशान थी । उसने रमिया से पूछा कि अनुज कब आयेगे । तब उसने कातर निगाहों से देखा और कहा किसी को कहना नहीं वह तनुजा के पास हैं और उनसे वह कोर्ट मैरिज कर चुके हैं। घर वालों को पता था पर तनुजा को अपनाना ससुर साहब की तौहीन थी इसलिये आपको बहू बनाकर लाये । वह सोच रही थी कि उसका पति परमेश्वर कहां है जिसकी लम्बी आयु के लिये उसने व्रत रखा है।
स्व रचित ###
डा.मधु आंधीवाल एड.
अलीगढ़
स्त्री के मन की व्यथा को कहती रचना। बहुत सुंदर, मगर मैम थोड़ा सा और संवारने की जरूरत है?
कोशिश करती हूँ
बहुत ही खूबसूरत कहानी हैं मैम..!? परन्तु ऐसा प्रतीत होता है आपने बहुत ही जल्द बाजी में लिख डाली हो कुछ टंकण त्रुटि भी है बहुत ही उम्दा कहानी है थोड़ा निखार की आवश्यकता है..!????
धन्यवाद हां कुछ टाइप में गलतियाँ हैं