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तू नहीं प्यार के काबिल - Champa Yadav (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

तू नहीं प्यार के काबिल

  • 311
  • 4 Min Read

तू नहीं प्यार के काबिल
******************
तू ने सुनकर भी,
अनसुना कर दिया
मेरी धड़कनों की पुकार को.....

तू ने देख के भी,
अनदेखा कर दिया
मेरे अश्कों के धार को.....

तू नहीं, प्यार के काबिल
फिर भी मैंने तुझे, इश्क का
नाम दे दिया.....

तू है बेदर्द.....
फिर भी मैंने तुझे, अपना
हाल- ए- दिल कह दिया।

तू नहीं। निभाने लायक वफ़ा
फिर भी मैंने तुझे, वफ़ा का
नाम दे दिया.....

तू सिखा गया,
खुद से ही संभलना।

अब नहीं, आरजू
किसी की, बस खुद को
मैंने! इस काबिल बना लिया।

तूने सिखा दिया
कौन ? है अपना, जहाँँ में.....

अब, अपनों के लिए मैंने
जीना सीख लिया.....

गर आए खुदा और पूछे, मुझसे
क्या चाहिए ? तुझे।
तो मैं कहूँँगी.....
अपनों का साथ, हर जन्म में.....

@चम्पा यादव
१९/१०/२०

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Champa Yadav

Champa Yadav 4 years ago

जी...शुक्रिया.... सरला जी...।

Sarla Mehta

Sarla Mehta 4 years ago

बढ़िया

Champa Yadav

Champa Yadav 4 years ago

बहुत बहुत शुक्रिया..... आदरणीय।

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 4 years ago

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