कविताअतुकांत कविता
स्वच्छ भारत अभियान
स्वच्छ, सुंदर भारत हो अपना,
पूरा करें गांधी जी का सपना।
जन जन तक पहुंचे स्वच्छता का संदेश;
बनाएं स्वच्छ और सुंदर अपना देश।।
यहां वहां गर कोई देता थूक,
ना चुभाएं शब्दों के शूल।
थमा कर हाथों में एक फूल;
एहसास कराएं उनकी भूल।।
कचड़ा फेकें कचड़े दान में,
लेकर झाड़ू अपने हाथ में।
सुंदर भारत के निर्माण में;
सहयोग करें स्वच्छता अभियान में।।
घर के बाहर भी रखें स्वच्छता का ध्यान,
तभी बनेगा हमारा देश महान।
मन का मैल भी करें साफ ;
अच्छे समाज का करें निर्माण।।
स्वच्छ और निर्मल नदियां बहेंगी,
सारी बिमारियां दूर रहेंगी।
बढ़ाएं कदम स्वछता की ओर;
खुशियां छाएंगी चारों ओर।।
स्वच्छ भारत का करके निर्माण,
सुंदर भारत का हो स्वप्न साकार।
संकल्प करें सब मिल कर आज;
स्वच्छता में देगें सब अपना साथ।।
स्वाति सौरभ
स्वरचित एवं मौलिक