कविताअतुकांत कविता
#मर्द या #नामर्द.....
क्यों इन्हें? लड़कियों का बोलना पसंद नहीं आता.....
क्यों इन्हें? उनका हँसना पसंद नहीं आता.....
क्यों इन्हें? उनका आजाद परिंदों की तरह घूमना पसंद नहीं आता.....
क्या इनकी? मर्दांनगी कम हो जाती है लड़कियों के बोलने से.....
क्या मर्दांनगी? का मतलब लड़कियों के आवाज को दबाना ही होता है.....
क्या उनका? साथ देना मर्दांनगी का हिस्सा नहीं.....
क्या उन्हें? जीने के लिए खुला आसमान देना। उनकी मर्दांनगी नहीं.....
मेरे ख्याल से सही मर्द वही होता है जो खुद झुक के नारी को सम्मान दे.....
जिसका सर नारी के इज्जत में झुक जाए.....
"उससे बड़ा मर्द और कोई हो ही नहीं सकता....."
जो नारी के खुशी के लिए खुद ही हार मान जाए.....
उनके हक के लिए लड़े। ना की उनकी आवाज को दबाने के लिए.....
"वह सही अर्थ मे #पुरुष है #मर्द है #इंसान है....."
"बाकी तो #नामर्द है #नापुंसक हैं........"
@champa यादव
2/10/20