लेखअन्य
कहते हैं ईश्वर की
कोई भी रचना
अपूर्ण नहीं होती
फिर नारी अपूर्ण
कैसे रह गई?
किसी ने बांझ नाम दिया
किसी ने निसंतानी,
किसी ने कहा अरे ,
सुबह-सुबह मुंह देख लिया
आज तो दिन ही
खराब हो गया
मां की ममता
तो हर नारी में,
अमृत कलश बनकर
छलकता है ना!
फिर नारी बांझ कैसे बन गई?
क्या संतानोत्पत्ति के बिना
नारी का कोई अस्तित्व नहीं
हृदय के अंदर हिलोरे मारते
ममत्व का कोई महत्व नहीं
मदर टेरेसा ने कौन सा
कोई बच्चा जना था
पर सारे जग ने
मदर कह के पुकारा
माता यशोदा ने
कहां कृष्ण को जना था
पर सारे जग ने
यशोदा मईया
कह के पुकारा
क्या मां बनने के लिए
कोख से ही
जन्म देना जरूरी है?
अगर हां !
तो यह सवाल ईश्वर से है
उनकी रचना
अपूर्ण कैसे रह गई?
अंजनी त्रिपाठी
स्वरचित मौलिक
16/09/2020
नारी जीवन पर्यन्त कार्य रत रहती है.
धन्यवाद सर