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London is the capital city of England.
कविताअतुकांत कविता
घर की बगिया सुनी हो जाएगी
आज तेरे जाने से।
बाबूल का घर छोड़ जा रही आज
खुश रहना तु सदा,...
अपने पिया के घर जाने से।
तेरा पिता खुश तो बहुत है आज
पर दुखी भी बहुत है,...
ये सोचकर कि तेरे पिता की तरह
तेरा
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कविताअतुकांत कविता
दिन अब जल्दी ढल रहा....
रात लम्बी हो रही।
तैयार हो जाओ तन्हाई मे जीने वालों...
दर्द और तन्हाई की रात लम्बी हो रही ।
रात की खामोशी हमें घेर रही।
तन्हाई हमारा साथ छोड़ नहीं रही।
क्या कहूँ यारों ....
रात
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