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London is the capital city of England.
कविताअतुकांत कविता
होकर मजबूर रह रहे हैं हम सब दूर-दूर,
कोरोना ने कर दिया हमें इतना मजबूर।
बन कर रहना है हमें एक-दूसरे का साहस,
भगाना है हमें देश से कोरोना नाम का वायरस।
बिना घबराए पालन करना है सारे नियम,
मास्क, सेनिटाइजर,
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पूजा जी इसी रचना को आपके प्रोफाइल में जाकर एडीट कीजिये। एडिट करते समय ही आपको वहां प्रत्तियोगिता में ऐड करने का ऑप्शन मिलेगा। उस ऑप्शन का चुनाव कर सभी प्रक्रिया फॉलो करते हुए इसको प्रकाशित कर दीजियेगा।
ऐसा किया मैंने पर प्रतियोगिता में मेरी रचना नहीं दिख रही है।
यदि आपने रचना प्रत्तियोगिता हेतु लिखी है तो रचना प्रत्तियोगिता में ऐड अवश्य किजियेएगा
कैसे करे प्रतियोगिता में ऐड
कविताअतुकांत कविता
माॅं हुई जो मैं तेरी कन्या क्या कर दोगी तुम मेरी हत्या,
कैसे तुम रह पाओगी कर के तुम मेरी हत्या।
पैदा होकर मैं कभी ना करूंगी तुमको अपमानित,
बन कर तुम मेरी जननी खुशियां पाओगी अनगिनत।
घर की लक्ष्मी
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