No Info Added By Writer Yet
#Followers 3
#Posts 1
#Likes 0
#Comments 1
#Views 283
#Competition Participated 0
#Competition Won 0
Writer Points 1420
#Posts Read 1
#Posts Liked 0
#Comments Added 1
#Following 3
Reader Points 15
कविताअतुकांत कविता
कविता
शीर्षक-मन की पीड़ा
कुछ जमी पर तन के टुकड़े
कुछ जमी पर मन के मुखड़े
कुछ जमी पर जन के दु ख़ड़ो
को बटोर ले हम
वह किसी झरना का साहिल
उसको हम कर लेंगे हासिल
भावना सी वह धरा जो
आज़ हमको खोजति है
क्लांत
Read More
आपने कोशिश बहुत अच्छी की हैं सरल शब्दों में कहें तो शाब्दिक चयन बहुत अच्छा है। बस टँकन त्रुटियाँ अखर जाती हैं वह भी धीरे धीरे सही हो जाएंगी। आप लिखते रहें और हम सबको पढवाते रहे और आपकी रचना सब जगह शेयर करते रहे ??
जी बहोत बहोत धन्यवाद