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"आपको"
कविता
गलतफहमी
सैनिक है नमन आपको
अहम
पर हमें भी लिखना है
मैं ख़ुद को बेकार समझता हूँ,
आपकी इक आँख को तलवार होना चाहिए
आपको अपनी खूबियाँ मुबारक
बताएं क्या नुक़्स आपको मय के बशर
ज्यादातर बेबात सोचते हैं
व्यापकता असीमित हो जाती है
पहचान अपनी बनानी पड़ती है
आपके नाप के नहीं रहे हैं
कहानी
अभागे की परिभाषा
लेख
ह्यूमन सायकोलोजी
#ममता
मैं तो नहीं कर पाऊँगी
क़दर
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