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बताएं क्या नुक़्स आपको मय के बशर - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

बताएं क्या नुक़्स आपको मय के बशर

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  • 2 Min Read

बताएं क्या नुक़्स आपको इस कमबख़्त मय के बशर
ये जो राब्ता इक बार जोड़ती है तो फिर तोड़ती नहीं है!

रिंदों ने आकर मयकदे से बाहर झूमकर येह बयाँ किया
हमने तो छोड़ दी है पर ये अबभी हमको छोड़ती नहीं है!

© 'बशर' بشر.

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