Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
हिंदी हूँ में - राजपूत गोकुल मौरा (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

हिंदी हूँ में

  • 188
  • 3 Min Read

हिंदी हूँ में
~~~~~~~
मैं हिंदी हूं
वतन हिंदुस्तान की
गंगा जमुनी संस्कृति की
अविरल धारा हूं मैं
हिंदी हूं मैं
गुजरात को असम से
कश्मीर को कन्याकुमारी से
जोड़ती हूं मैं
हिंदी हूं मैं
ईसाई अरबी फारसी को
वतन में पनाह देती हूँ मैं
हिंदी हूँ मैं
विश्व भ्रमण पर भी मैं जाती हूँ मैं
अपना स्थान बना कर आती हूँ मैं
वतन में ही नहीं
पूरे विश्व में समाई हूँ मैं
हिंदी हूँ मैं
ऊँचे हिमालय की धराओ में हूँ मैं
जन जन की वाणी में हूँ मैं
सिंधु की लहरों में हूँ मै
सिपाही की गोली में हूँ मैं
हिंदी हूँ मैं

logo.jpeg
user-image
नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 4 years ago

बहुत सुंदर रचना। परन्तु ईसाई कोई भाषा नही धर्म है। हां अरबी फारसी भाषा है।

Madhu Andhiwal

Madhu Andhiwal 4 years ago

बहुत सुन्दर

वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg