कवितालयबद्ध कविता
राष्ट्र के हम कर्णधारों की सतत अभिमान हिंदी..!
है हमारी विश्व में अस्तित्व की पहचान हिंदी..!!
यह नहीं है मात्र शब्दों लिपि ध्वनि का संकलन भर,
यह हमारे दो हृदय के बीच का सम्वाद भी है..!
लहलहाती है फसल इससे हमारी सभ्यता की,
ज्यों चिरंतन दृष्टि साधे यह युगों की खाद भी है..!
है हमारी सभ्यता के दृष्टि की उत्थान हिंदी..!!
है हमारी विश्व में अस्तित्व की पहचान हिंदी..!!१!!
हो परिष्कृत बन गयी पर्याय जब यह शिष्टता की,
कल्पना को देह देकर भूमि पर इसने उतारे..!
दे रही मन बुद्धि के अनुभूति को अभिव्यक्ति प्रतिपल,
फिर रही है ग्राम अंचल देवनागरि वस्त्र धारे..
व्याकरण सम्मत विपुल गुण शब्द की है खान हिंदी..!!
है हमारी विश्व में अस्तित्व की पहचान हिंदी..!!२!!
देश की शत बोलियाँ जब चल पड़ी नदियाँ सरीखी,
तब उन्हें खुद में समाने के लिए सागर बनी यह..
अक्षरों के मोतियों से कर दिया उनको विभूषित
दे विपुल भंडार, इनकी बन गयी सहगामिनी यह..
हर विधाओं में सुभग साहित्य से धनवान हिंदी..!!
है हमारी विश्व में अस्तित्व की पहचान हिंदी..!!३!!
- कुमार आशू
खड्डा कुशीनगर गोरखपुर उत्तरप्रदेश
परास्नातक (अध्ययनरत)
मो - 9554675442
बहुत बहुत सुंदर रचना शब्दों का चयन बहुत खूबसूरती से किया है आपने।
धन्यवाद