Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
*खुश रहने में भी कुछ जाता है क्या* - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

*खुश रहने में भी कुछ जाता है क्या*

  • 82
  • 2 Min Read

*खुश रहने में भी कुछ जाता है क्या*

मा-सिवा-ए-नाखुशी केभी कुछ आता है क्या
खुश रहने में भी बशर तेरा कुछ जाता है क्या

रोनीसी सूरत मुरझाए रूखसार मायूस चेहरा
ये सबकुछ ही तुझ को ज्यादा सुहाता है क्या

© डॉ.एन.आर.कस्वाँ "बशर"

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg