कविताअतुकांत कविता
जीवन है अनमोल,जीवन से प्यार कर
बस जीवन को यू ही ना बर्बाद कर।।
सुख दुःख का थोड़ा सा तो हिसाब रख
सुख के दिनों में बस इतना करना,
दुःख के दिनों को भी याद रखना
कैसे कटा, कैसे कट रहा और कैसे कटेगा
जिंदगी के हर लम्हें को याद रखना।
जिंदगी क्या माँगती है ...
जिंदगी तो बस अपनो का साथ और प्यार माँगती है,
दिल के दर्द को समझ सके ऐसा परिवार मांगती है।
जिंदगी में पैसा ,शौहरत ,नाम बहुत कमाया लेकिन
ये कमाया हुआ कब और कहा काम आया।
माना आज सभी चेहरों पर
झूठी हँसी के साथ जिये जा रहे है।
अंदर ही अंदर अपने ही गम में जले जा रहे है।
जीवन जीना आसान नही है, लेकिन खुदकुशी भी किसी समस्या का समाधान नही है।।
जिंदगी बहुत कुछ सीखा देती है ,हंसकर फिर रुला देती है, जी सको उतना जी लो,क्योंकि बहुत कुछ बाकी रहता है और ज़िंदगी खत्म हो जाती हैं।
ममता गुप्ता✍