Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
उलझन - Harish Bhatt (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

उलझन

  • 183
  • 3 Min Read

जिंदगी है अजब पहेली
जितना सुलझाओ
उतना ही उलझ जाती
कितने आए और चले गए
समझा गए दुनिया को
आने वाले का राज
पर अफसोस
न बता पाएं
जाना है कहां
जिंदगी है अजब पहेली
जितना सुलझाओ
उतना ही उलझ जाती
किसने समझा
किसने जाना
होता है क्या बाद में
सच तो यह है कि
जिंदगी है अनमोल
यूं न गवांओ
पल का भरोसा नहीं
न जाने
किस पल चले जाए
अनंत यात्रा पर
कभी न लौटने को
इसलिए
न दुखाओं दिल किसी का
न रूलाओं किसी को
क्योंकि वह भी
उलझा है जिंदगी की पहेली में

koulutuskokonaisuus-2019-2020_1599574581.jpg
user-image
Krishna Tawakya Singh

Krishna Tawakya Singh 3 years ago

क्यों सुलझाने के चक्कर में उलझते जाते हो | जिंदगी है डूबने के लिए क्यों पार पाना चाहते हो | डूबनेवाले ही पार करते हैं ,उलझनेवाले ही सुलझाते हैं | जिंदगी का नियम उल्टा है यहाँ मृत्यु को वरण करने वाले

Krishna Tawakya Singh

Krishna Tawakya Singh 3 years ago

क्यों सुलझाने के चक्कर में

Krishna Tawakya Singh

Krishna Tawakya Singh 3 years ago

क्यों सुलझाने के चक्कर में

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 4 years ago

बहुत खूब एक सच को उकेरा है आपने अपनी कलम से बहुत सुंदर

वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg