Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
गीत.. हाथ में खंजर लिए - Dr. Rajendra Singh Rahi (Sahitya Arpan)

कवितागीत

गीत.. हाथ में खंजर लिए

  • 91
  • 5 Min Read

गीत....

हाथ में खंजर लिए हिंसा कराना चाहते।
कौन हैं जो देश को मेरे जलाना चाहते।

स्वर्ग-सी धरती हमारी राग रंगत से भरी।
और रहती है सुवासित हर्ष पुष्पों से हरी।।
उर्वरा इस भूमि को बंजर बनाना चाहते।
कौन हैं जो देश को मेरे जलाना चाहते।।

दिव्यता से पूर्ण है पावन धरा संसार में।
शांति का संदेश देती सत्यता आचार में।।
सौम्यता उत्कर्ष से नीचे गिराना चाहते।
कौन हैं जो देश को मेरे जलाना चाहते।।

पा रहे हर लोग है सुविधा सुरक्षा देश में।
रह रहे अपने तरीके से सभी हर वेश में।।
धर्म भाषा जातियों में हैं लड़ाना चाहते।
कौन हैं जो देश को मेरे जलाना चाहते।।

टूट जाये सभ्यता सद्भाव की डोरी बधी।
काटने को छोड़ते हैं तीर विष बैरी सधी।।
एकता उल्लास अन्तर्मन मिटाना चाहते।
कौन हैं जो देश को मेरे जलाना चाहते।।

हाथ में खंजर लिए हिंसा कराना चाहते।
कौन हैं जो देश को मेरे जलाना चाहते।।

डाॅ. राजेन्द्र सिंह 'राही'
(बस्ती उ. प्र.)

IMG_20220611_181737_1655622152.jpg
user-image
Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 1 year ago

देश में छिपे हुए दुश्मन.. जिन्हें देश में अस्थिरता ही चाहिए.

प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg