Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
बरवै छंद "शिव स्तुति" - Basudeo Agarwal "Naman" (Sahitya Arpan)

कविताछंद

बरवै छंद "शिव स्तुति"

  • 162
  • 4 Min Read

बरवै छंद "शिव स्तुति"

सदा सजे शीतल शशि, इनके माथ।
सुरसरिता सर सोहे, ऐसो नाथ।।

सुचिता से सेवत सब, है संसार।
हे शिव शंकर संकट, सब संहार।

आक धतूरा चढ़ते, घुटती भंग।
भूत गणों को हरदम, रखते संग।।

गले रखे लिपटा के, सदा भुजंग।
डमरू धारी बाबा, रहे मलंग।।

औघड़ दानी तुम हो, हर लो कष्ट।
दुख जीवन के सारे, कर दो नष्ट।।

करूँ समर्पित तुमको, सारे भाव।
दूर करो हे भोले, भव का दाव।।
==============
बरवै छंद विधान -

यह बरवै दोहा भी कहलाता है। बरवै अर्ध-सम मात्रिक छन्द है। इसके प्रथम एवं तृतीय चरण में 12-12 मात्राएँ तथा द्वितीय एवं चतुर्थ चरण में 7-7 मात्राएँ हाती हैं। विषम चरण के अंत में गुरु या दो लघु होने चाहिए। सम चरणों के अन्त में ताल यानि 2 1 होना आवश्यक है। मात्रा बाँट विषम चरण का 8+4 और सम चरण का 4+3 है। अठकल की जगह दो चौकल हो सकते हैं। अठकल और चौकल के सभी नियम लगेंगे।
********************
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया

logo.jpeg
user-image
Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

Sunder ..!

प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
जिंदगी हमको जीकर चली गई
InCollage_20240503_135714716_1715175790.jpg
मुश्क़िल है घरको घर करना
InCollage_20240316_085955678_1715180957.jpg