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"मीठी फांस "💐💐 - सीमा वर्मा (Sahitya Arpan)

कहानीलघुकथा

"मीठी फांस "💐💐

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  • 7 Min Read

लघुकथा#शीर्षकः
"मीठी फांस"
सोलह साल की उम्र में जब यों भी लोग दिमाग से कम और दिल की ज्यादा सुनते हैं। लेकिन अपने रोहित ने सदा ही दिल के उपर दिमाग को रखा है।
सुविख्यात कोचिंग कलास में साथ-साथ पढ़ते हुए वे दोनो एक वर्ष से अधिक का समय व्यतीत कर चुके है।
लड़का सीधा-सादा नाम 'रोहित' छोटे शहर से है। लेकिन पढ़ने में अव्वल, पहले दिन ही उसे लड़की नाम 'प्रिया'को देख पेट में गुदगुदी हुयी थी।
प्रिया शहरी आजाद तितली जैसी सीधे गगन छूने की तमन्ना रखने वाली।
उसके लिए रोहित गंवई और सफलता प्राप्त करने में उपयोगी सीढ़ी मात्र।
आम दिनो की भांति ही आज भी क्लासेज चल रहे हैं।
घड़ी टिक-टिक करती आगे बढ़ रही थी। अचानक अध्यापक महोदय ने सरप्राइज़ टेस्ट लेने की अनाउंसमेंट कर दी।
प्रिया के चेहरे पर हवाईयां उड़ने लगी हैं। बगल की सीट पर साथ बैठे रोहित से फुसफुसा कर बोली,
"सुन ना"।
रोहित का दिल वल्लियों उछलने लगा है।
प्रिया के प्यारे से मुखड़े को निहारता हुआ धीमी आवाज में पूछा,
" बोलो डियर क्या हुआ"?।
"क्या करुँ मुझे तो रोना आ रहा है तू मेरी
हेल्प करेगा,अपनी ऐन्स्वर सीट देगा"?
प्रिया के प्रति उसकी दीवानगी ने मिठास को चरमसीमा तक बढ़ा दिया।
लेकिन इसके पहले कि वह कुछ तय कर पाए।
मस्तिष्क ने जज्बातों की लगाम अपने हाँथ में ले ली है और रोहित को मृगमरीचिका में फंसने से पहले ही आगाह कर दिया।
रोहित ने कन्नी काटते हुए अपनी सीट अलग कर ली।
दिमाग पर भरोसा कर शुक्र मनाते हुए कि,
"अगर इस वक्त नहीं सचेत हुआ तो यह कंही गले की मीठी फांस ही बन कर न रह जाए"?।

सीमा वर्मा /स्वरचित

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Roohi Shrivastava

Roohi Shrivastava 3 years ago

👌👌👌👌👌👌👌👌

Shekhar Verma

Shekhar Verma 3 years ago

bahut samajhdar kahani

Anjani Kumar

Anjani Kumar 3 years ago

बहुत अच्छी लघुकथा

Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

बहुत अच्छी लघुकथा .! रोहित ने दिल को हावी नहीं होने दिया.

सीमा वर्मा3 years ago

जी सर छोटे शहर से आए बच्चे बेहद भोले लेकिन समझदार भी होते हैं 💐💐

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