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"मीराबाई " - सीमा वर्मा (Sahitya Arpan)

लेखआलेख

"मीराबाई "

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#शीर्षकः
"मीराबाई "
😙अजीब बात है जिस राठोड वंश ने अपनी आन बान के लिए विधवा मीरा बाई को कष्ट दिए और मारने का प्रयास किया,

आज उसी के नाम से राठोड़ो की शान है और मर गए मारने वाले मीरा बाई अमर हो गई. सं 1498 में जन्मी मीरा ने कृष्ण भक्ति की ऐसी मिसाल पेश की जो आज तक भक्तो के दिल में जगह कर गई.

मेड़ता ( नागौर) में जन्मी मीरा का विवाह चित्तोड़ के राजा भोज से हो गया, हालाँकि जब वो चार साल की थी तब एक शादी के जोड़े को देख उन्होंने माँ से पूछा की मेरा पति कौन होगा तो माँ ने कृष्ण के मूर्ति की तरफ इशारा किया और तब से मीरा पराई हो गई थी.

परिवार के दबाव में उन्हें ये शादी करनी पड़ी. राव डूडा जो उनके पालक थे से उनका गहरा आध्यात्मिक लगाव था.
1521 में भोजराज की मृत्यु के बाद मीरा सिर्फ कृष्ण में ही रम गई, पर कहते है की गुरु बिन ज्ञान नहीं मिलता. मीरा को चित्तोड़ में रविदास जी ( जो की नीची जाती से थे)

जैसा सद्गुरु मिला जिन्होंने मीरा की भक्ति को नई ऊंचाई दी. मीरा राजकुमारी और राजघराने की बहु वो भी विधवा होने के बाद भी सत्संग में जाने लगी

और साधुओ के संग घूमने लगी. जब देवर को ये पता चला तो वो आग बबूला हो गया, पहले उसने मीरा को क्रूरता से डराया धमकाया पर तब भी वो नहीं मानी तो उसे मेड़ता भेज दिया.

वंहा पर भी मीरा ने अपनी भक्ति जारी रखी तब अभिमानी ने मीरा को वापस बुलवाया और मारने के कई प्रयास किये.

पहले उसने मीरा के कक्ष में भगवन को चढाने के लिए माला की जगह सर्प भिजवाया, जिसमे मीरा को माला ही दिखी और उसने उसे गले में पहन लिया.

मीरा को भगवन् प्रसाद है कह कर विष भेजा गया मीरा ने उसे भी पी लिया और उसे हिचकी तक न आई. एक शेर को पिंजरे में धक कर के मीरा के कमरे में भेजा गया जब मीरा ने पिंजरे खोला तो उसमे सालगराम जी मिले( भगवन कृष्ण का बाल स्वरुप).

फिर मीरा गुरु के कहने पर वृन्दावन गई पर कृष्ण नहीं मिले, मीरा के दक्षिण भारत में भी जाने के प्रमाण मिलते है.

वृन्दावन में एक महाराज थे जो सिर्फ मर्दो से ही मिलते थे स्त्रियों को उनके दर्शन की आज्ञा नहीं थी. जब मीरा उनसे कृष्ण का पता पूछने गई तो उन्हें बहार ही रोक लिया गया.

मीरा ने सन्देश भिजवाया की इस ब्रृज नगरी में सिर्फ कृष्ण ही पुरुष है बाकि सब उनकी गोपिया है ये सुनकर तुरंत गुरु ने मीरा को सादर बुला लिया, पर मीरा को वंहा भी कृष्ण का पता नहीं मिला.

कहते है की मीरा वापस अपने जन्म स्थान आ गई और वंही कृष्ण की मूर्ति के सामने नृत्य कराती मूर्ति में समां गई.🤗

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Roohi Shrivastava

Roohi Shrivastava 3 years ago

🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐

Shekhar Verma

Shekhar Verma 3 years ago

🙏🙏

Anjani Kumar

Anjani Kumar 3 years ago

नई जानकारी वाले आलेख

Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

बहुत सुन्दर आलेख

समीक्षा
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