कवितालयबद्ध कविता
मौत की पकड़ में अब,जिंदगी है आ गयी
खबर है जिंदगी का,अब क्या अंजाम होगा
मौत तरस नही खाती कभी,वो तो है बेरहम
उसके हाथों से जिंदगी का काम तमाम होगा
मौत की पकड़ जिंदगी पर, मजबूत है बहुत
मौत के हाथों से जिंदगी का, कत्लेआम होगा
अपने पंजो से वो जिंदगी को,कुचल देगी मौत
मौत के मुँह का बन निवाला,इसे आराम होगा
स्वरचित-संदीप शिखर मिश्रा। वाराणसी(U. P)