कविताअतुकांत कविता
कुछ तो लोग कहेंगे
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कुछ तो लोग कहेंगे
लोगो का काम है कहना
कब तक हम ये सुनते रहेंगे।
सुनो ऐसे लोगो को अपनी
जूते की नोक पे रखती हूं।
उनकी छोटी सोच को
ठोककर मार कर चलती हूँ
मैं आज की आत्मनिर्भर
नारी हूँ।
हर कदम पहले ही
सोच समझकर रखती हूं
हा मेरे कानों में गूंजते है
कुछ अपवाद भरे शब्द
लेकिन एक कान से
सुनकर दूसरे कान
से शब्दों को अलविदा कहती हूँ।
कुछ तो लोग कहेंगे,,
कब तक हम ये सुनते रहेंगे।
हे राम आजकल की लड़कियों को
तो देखो उसके पहनावे को देखो
ऐसे लोगो से मैं एक बात आज कहती हूँ पहले अपने घर की बेटीयो को ज्ञान दे लो फिर किसी ओरो की लड़कियों के बारे में बोलो।
जब अपने ही ऐसा करेंगे तब
कुछ तो लोग कहेंगे।
रोक दिया जाता है सफलता की सीढियों को बड़े "पर" लग गए है ये कहकर
आजकल की पीढ़ी को।
नए जमाने के कुछ रीति तो अपना लो
ये घटिया सोच को दिमाग मे ना पालो
कुछ सकारात्मक नही सोच सकते तो
नकारात्मकता से वहम में ना डालो
कुछ तो लोग कहेंगे,,
अच्छा करोगे तो भी लोग कहेंगे
बुरा करोगे तो भी लोग ही कहेंगे
बहुत सुनते आए है अब अपने
मन की करेंगे।
क्योंकि लोगो से तो
भगवान भी परेशान है,
आखिर हम तो फिर भी इंसान है
लेकिन अब सिर्फ दिल की सुनेंगे।
कहने दो कहते है तो
कुछ तो लोग कहेंगे।।
ममता गुप्ता
bahut khub sach me logo ka kaam hai kahna aur humara kaam hai likhna har roz likhna bahut sundar likha
आदरणीया नेहा जी धन्यवाद मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए।