कविताअतुकांत कविता
चित्र आधारित
#शीर्षक
"हुनर "
जब कहती हूँ
मैं प्यार करती हूँ
तो फिर पूरी संम्पूर्णता से
प्यार करती हूँ ।
दरअसल प्यार करना
भी हुनर है
अपने- आप में ।
मैं प्यार करती नहीं
वरन् उसे जीती हूँ।
ठीक उसी तरह
जैसे कोई आत्मा होती
है परमात्मा में लीन
देह के सुनहरे आवरण
में रह कर ।
मेरे प्यार का मतलब है
सिर्फ और सिर्फ प्यार।
बिना किसी मिलावट के
फिर वो पशु-पक्षी,प्रकृति
या फिर इन्सान से हो !
सीमा वर्मा ©®