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कच्चे रास्ते (भाग ६) साप्ताहिक धारावाहिक - Ashish Dalal (Sahitya Arpan)

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कच्चे रास्ते (भाग ६) साप्ताहिक धारावाहिक

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आज शुक्रवार को ऑफिस में वार्षिकोत्सव की पार्टी थी । ATS Business Solution आज अपने दस साल सफलतापूर्वक पूरे कर चुकी थी । हर साल मार्च में वार्षिक दिन के अवसर पर कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए एक शानदार पार्टी आयोजित करती और इस पार्टी का सारे कर्मचारी पूरे साल इन्तजार करते थे । ATS Business solution की ये पार्टी सभी युवा कर्मचारियों के लिए उत्साहजनक होती लेकिन इस साल की पार्टी के लिए काव्या को बिल्कुल भी उत्साह नहीं था । लेटेस्ट फैशन का पार्टी वियर पहनने की जगह उसने आज भी कैजुअल डार्क ब्लू रंग का जींस और यलो कलर का टॉप पहना हुआ था । ऑफिस का ऑपरेशन फ्लोर पूरी तरह से डांस फ्लोर में बदल चुका था । हल्की लाईट और डीजे के धमाकेदार संगीत में सभी कर्मचारी डांस करते हुए आनन्दित हो रहे थे लेकिन काव्या इस वक्त डांस फ्लोर पर न होकर कैंटीन के बाहर खुली हुई जगह में गैलरी के पास अकेली खड़ी हुई थी ।

तभी उसे ढूँढ़ता हुआ अनय हाथ में सॉफ्ट ड्रिंक्स के दो गिलास लेकर उसके पास आकर खड़ा हो गया । उसने काव्या की तरफ देखा लेकिन काव्या ने उसे देखकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी । इस पर वो उससे बोला, “ काव्या । कब से तुम्हें ढूँढ़ रहा हूँ और तुम हो कि पार्टी छोड़कर यहाँ अकेली खड़ी हो ।”

अनय की बात पर काव्या ने फिर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो उसने जबरदस्ती उसके हाथ में अपने हाथ में पकड़ रखी सॉफ्ट ड्रिक्स थमा दी ।

काव्या ने उससे गिलास लेकर एक तरफ रख दिया और बोली, “मेरा मूड ठीक नहीं है अनय । प्लीज मुझे अकेला छोड़ दो इस वक्त ।”

अनय हार मानने वालो में से नहीं था । उसने अपने हाथ में पकड़ रखा गिलास एक तरफ रख दिया और काव्या का हाथ अपने हाथ में ले लिया । इस पर काव्या ने उसे देखा और एक झटके से अपना हाथ खींच लिया । अनय ने काव्या की इस हरकत पर बुरा नहीं माना और उसे समझाने लगा, “जो हुआ उसे एक बुरा सपना समझकर भूल जाओ काव्या। याद रखोगी तो अपनी जिंदगी में कभी खुश नहीं रह पाओगी ।”

अनय की बात सुनकर काव्या बोली, “मेरी जिंदगी में अब खुश रहने के लिए कुछ भी नहीं बचा अनय ।”

अनय काव्या को मनाने की कोशिश करने लगा, “कम ऑन काव्या ! तुम खुद ही खुश नहीं रहना चाहती हो । शनिवार शाम से तुम मुझे नजरअंदाज कर रही हो । सोमवार से ऑफिस में आकर भी जैसे तुम हो ही नहीं । कुछ तो बात करो ।”

इस बार काव्या की आवाज उदास थी, “मेरी तकलीफ तुम नहीं समझ पाओगे अनय ।”

काव्या की बात सुनकर अनय ने उसके कंधे पर अपना बायाँ हाथ रखा और हैरानी से पूछा, “मैं तुम्हारी तकलीफ नहीं समझ पाऊँगा ? ये तुम कह रही हो ?”
अपने कंधे से अनय का हाथ हटाते हुए काव्या बोली, “अनय, मुझे अकेला छोड़ दो ।”

“नहीं छोड़ सकता ।” काव्या का जवाब सुनकर अनय ने पूरे हक से उसे अपने पास खींच लिया ।

काव्या ने अपने आपको अनय की पकड़ से छुड़ाते हुए कहा, “प्लीज अनय ! समझने की कोशिश । मैं किसी से भी बात करने के मूड में नहीं हूँ ।”

इस पर अनय चिढ़ गया और थोड़े ऊँची आवाज में उसने काव्या से पूछा, “और तुम्हारा मूड कब ठीक होगा ?”

काव्या ने दूर आकाश में चमक रहे तारों को देखते हुए जवाब दिया, “मुझे नहीं पता मुझे क्या हो रहा है । कुछ समझ में नहीं आ रहा है ।”

काव्या की उदास आवाज सुनकर अनय ने फिर से अपना बायाँ हाथ काव्या के कंधे पर रख दिया और सीधे हाथ से उसका चेहरा अपनी तरफ करते हुए बोला, “तो मुझसे बात करो । मन की बात कह देने से मन हल्का हो जाता है ।”

अनय की बात सुनकर काव्या चीख उठी, “क्या बात करूँ ? सब को जाकर कह दूँ कि मेरी मम्मी ....”

“ये क्या हो गया है काव्या तुम्हें ? इतनी कमजोर तो तुम कभी नहीं थी । परिस्थितियों को स्वीकार करो । स्वीकार नहीं करोगी तो और ज्यादा परेशान हो जाओगी ।” अनय ने काव्या की बात पूरी होने से पहले ही उसे टोका ।

अनय से सांत्वना पाकर काव्या अपने मन की बात उससे कहने लगी, “अनय, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है । मैं क्या करूँ ? घर पर मम्मी मुझसे आँखें चुरा कर जी रही है । इन पाँच दिनों में हम दोनों के बीच एक शब्द की भी बातचीत नहीं हुई । वे बहुत ही परेशान है । मुझे उनके बारें में सारी बात तुम्हें नहीं बतानी चाहिए थी ।”

अनय कुछ सोचकर बोला, “मतलब तुम्हारी मम्मी को पता है कि उनके और मनीष अंकल के संबंध वाली बात तुम्हें पता है ? तुमने तो उस दिन फोन पर कहा था कि तुमने इस बारें में उनसे कोई बात नहीं की ।”

इस पर जवाब देते हुए काव्या और ज्यादा उदास हो गई, “उन्होंने फोन पर हो रही हमारी बातें सुन ली थी ।”

काव्या का जवाब सुनकर अनय का हाथ जोर से गैलरी की रेलिंग पर पड़ गया, “ओह नो ! तब तो ये बहुत ज्यादा ही गंभीर बात है ।”

काव्या आगे बोलने लगी, “इतना ही नहीं, उसके बाद उन्होंने मुझे मनीष अंकल और उनके बारें में खुद ही सबकुछ बता दिया । तब मैंने भी शुक्रवार रात वाली बात के बारें में उन्हें सब सच बता दिया । इस पर उनका मूड बिगड़ गया और हम दोनों में बहुत बड़ा झगड़ा हो गया । उसके बाद से ही वे मुझसे नहीं बोल रही है ।”

अनय काव्या की बात सुनकर चिंता में पड़ गया और उसने उससे फिर से पूछा, “तुमने उन्हें कुछ गलत तो नहीं कह दिया ?”

काव्या ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा, “वो ही तो भूल हो गई मुझसे । उनके और मनीष अंकल के संबंध को लेकर मैंने उन्हें गुस्से में बहुत कुछ सुना दिया ।”

काव्या की बात सुनकर अनय ने अपना सिर पकड़ लिया और बोला, “तुम इतनी बड़ी गलती कैसे कर सकती हो काव्या ? तुम्हें उन्हें सॉरी कह देना चाहिए । जो भी हो आखिर वो तुम्हारी मम्मी है ।”

अनय ने कहा तो काव्या ने फौरन जवाब दिया, “वो कुछ सुनने को तैयार ही नहीं है ।”

अनय ने काव्या को समझाया, “वो सुने या ना सुने, तुम एक बार सॉरी बोल दो उन्हें ।”

काव्या अनय की बात सुनकर खामोश हो गई और फिर थोड़ी देर के बाद बोली, “इतना सबकुछ हो जाने के बाद अब उनके सामने खड़े होने की हिम्मत ही नहीं होती ।”

अनय ने उसे कहा, “तो फिर उन्हें अभी कॉल कर सॉरी कह दो ।”

अनय की बात सुनकर काव्या ने प्रश्न किया, “अभी ?”

अनय काव्या की उलझन को जल्दी से जल्दी खत्म करना चाहता था इसी से वो बोला, “हाँ, सॉरी छोटा सा शब्द है पर दिल को लुभाने वाला शब्द है ।”

अनय की बात मानकर काव्या ने शालिनी का नम्बर डॉयल किया । रिंग बजकर पूरी हो गई तो काव्या ने मोबाइल में टाइम देखते हुए कहा, “रात के दस बज रहे है । वे रात को जल्दी सो जाती है । शायद सो गई होंगी ।”

काव्या ने कहा तो अनय सॉफ्ट ड्रिंक्स का गिलास अपने हाथ में लेकर उसे सलाह देते हुए बोला, “तो आज घर पहुँच कर उन्हें जगाकर पहला काम उन्हें सॉरी बोलने का करना । उन्हें अच्छा लगेगा ।”

अनय की बात का जवाब देते हुए काव्या बोली, “मैं कोशिश करुँगी ।”

इस पर अनय ने अपनी बात पर जोर देते हुए काव्या से कहा, “कोशिश नहीं । तुम्हें करना ही है । क्या पता तुम जिस तरह उन्हें लेकर परेशान हो रही हो उसी तरह वे भी तुम्हें लेकर परेशान हो ।”

“परेशान तो हम दोनों ही है । लेकिन अपनी परेशानी एक दूसरे से कह नहीं कर पा रही है।” अनय की बात का जवाब देते हुए काव्या ने कहा और अनय के हाथ से सॉफ्ट ड्रिंक्स का गिलास लेकर एक सीप मारा ।

काव्या का बदला हुआ मूड देखकर अनय मुस्कुरा दिया और काव्या के कंधे पर हाथ रखकर बोला, “सब ठीक हो जाएगा । अभी डांस फ्लोर पर चलो । सब तुम्हारा इन्तजार कर रहे है ।”

अनय की बात काव्या ने जैसे सुनी ही नहीं । वो उसके और पास आकर बोली, “थैंक्स अनय ।”

अनय अब हँस दिया और पूछने लगा, “थैंक्स ? किसलिए ?”

काव्या ने एक प्यारी सी मुस्कान दी और धीरे से बोली, “तुमने मेरी बहुत बड़ी समस्या हल कर दी । मम्मी को सॉरी बोलकर अपनी सारी गलतियों के लिए माफी माँग लूँगी ।”
काव्या की बात सुनकर अनय उसे साथ लेकर चलते हुए बोला, “गुड । चलो अब यहाँ से ।”

काव्या ने अनय के हाथ से डिस्पोजल गिलास लेकर पास रखी डस्टबीन में डाल दिया और उसका हाथ पकड़कर वहाँ से चल दी ।

काव्या और अनय के अन्दर डांस फ्लोर पर पहुँचते ही रूबी की नजर उन दोनों पर पड़ी । वो तेजी से चलते हुए उनके पास आई । अनय और काव्या अभी हॉल के प्रवेश द्वार के पास ही खड़े थे ।

रूबी ने उनके पास आकर पहले काव्या को हैलो कहा और फिर अनय से बोली, “हैल्लो हैंडसम, मेरे डांस पार्टनर बनोगे ?”

इस पर काव्या ने रूबी को खा जाने वाली नजरों से घूरा और अनय का हाथ कसकर पकड़कर रूबी से बोली, “सॉरी रूबी । अनय मेरा है... सिर्फ मेरा ।”

काव्या का जवाब सुनकर रूबी जोर से हँस दी और काव्या के गाल पर हल्की सी चपत लगाते हुए अनय की तरफ मुड़कर बोली, “देख अनय । तेरी स्वीटहार्ट जलभुनकर कैसी काली हो गई। मेरा एक छोटा सा मजाक इसे समझ नहीं आया ।”

अनय रूबी की बात का कुछ जवाब देता इससे पहले ही काव्या ने अनय का हाथ छोड़कर रूबी का कान खींच लिया और बोली, “यु इडियट । मार डालूँगी तुझे । हमेशा अनय को लेकर मुझे हैरान करती रहती है ।”

रूबी एक बार फिर से हँस दी और बोली, “मुझे तुझे चिढ़ाने में मजा आता है । तू चिढ़ना बंद कर दे मैं तुझे चिढ़ाना बंद कर दूँगी ।”

काव्या भी कुछ कम नहीं थी । उसने रूबी की बात को बहुत ही हल्के अंदाज में लेते हुए जवाब दिया, “कुत्ते की टेढ़ी पूँछ कभी सीधी नहीं होती ।”

काव्या ने जैसे ही ये बात कही तो अनय अब जोर से हँसा और बोला, “एक छोटा सा सुधार ये कुत्ता नहीं... कुतिया है ।”

अनय के ऐसा बोलते ही रूबी ने उसके चौड़े सीने पर धीरे से दो मुक्के मार दिए और बोली, “तुम भी अनय । मैं तुम्हें इतना फेवर करती हूँ और तुम ही मुझे चिढ़ाने लग गए ?”
रूबी की बात सुनकर अनय ने फौरन जवाब दिया, “हिसाब बराबर । तुमने मेरी स्वीटहार्ट को हैरान किया और मैंने तुम्हें ।”

“मजाक कर रहा था ।”अनय की बात का जवाब देते हुए रूबी ने कहा और फिर काव्या को देखकर आगे बोली, “काव्या, ये क्या है ? तुम आज भी केजुअल वियर में हो ? तुम्हें तो आज वो ब्लैक कलर वाला वन पीस पहनकर आना चाहिए था । अनय के साथ साथ सारे लड़कों के होश उड़ जाते ।”

रूबी की बात सुनकर काव्या ने अनय की तरफ देखा ।अनय ने काव्या का चेहरा पढ़ लिया । काव्या के पास रूबी को देने के लिए कोई जवाब नहीं था । तभी अनय ने रूबी की बात का जवाब देते हुए कहा, “पिछले कुछ दिनों से काव्या किसी बात को लेकर थोड़ी सी परेशान थी । अभी कुछ देर पहले ही उसके चेहरे पर हँसी आई है ।”

अनय की बात सुनकर रूबी ने उसे टोका, “ये गलत बात है अनय । काव्या मेरी भी अच्छी दोस्त है । खबरदार, जो उसे फिर कभी सताया तो । काव्या हमेशा हँसती हुई ही अच्छी लगती है ।”

“हाँ, मेरी अम्मा । चले ! अब डांस करे ?” रूबी की बात सुनकर अनय ने अपने दोनों हाथ जोड़ते हुए मजाक में कहा और काव्या और रूबी के साथ डांस फ्लोर का हिस्सा बन गया ।

रूबी, काव्या और अनय तीनों एक समूह बनाकर डांस कर रहे थे । तभी रूबी की पीठ पर पीछे से आकर किसी लड़के ने हाथ मारा । रूबी ने पलटकर देखा तो वो समीर था ।
“हैल्लो समीर ! कहाँ थे यार इतने दिनों से ?” रूबी ने ऊँची आवाज में कहा ताकि डीजे की आवाज में समीर उसकी बात सुन सके ।

समीर ने अपने होंठ रूबी के कान के पास लाकर जवाब दिया, “मैं अपने घर गया था कोलकाता I कल रात को ही वापस आया हूँ । ये पार्टी मिस कर देने का दुख नहीं मानना चाहता था ।”

जवाब में रूबी ने समीर से पूछा, “सब ठीक तो है ? अचानक से तुम किसी से कुछ कहे बिना ही गायब हो गए थे ।”

समीर फिर से रूबी के कान के पास अपना चेहरा लेकर गया और बोला, “सबकुछ ठीक है । अचानक नहीं गया था । मेरी छुट्टियाँ पहले से अप्रूव थी लेकिन मैंने यहाँ अमोल सर और एच आर के अलावा किसी को अपनी छुट्टियों के बारें में नहीं बताया था ।”

तभी समीर और अनय की नजर एक हुई । समीर ने अनय को अपना दाहिना हाथ हिलाकर हैल्लो कहा तो अनय ने जवाब में केवल एक हल्की सी मुस्कान दे दी । समीर ने काव्या को भी हैल्लो कहना चाहा लेकिन वो जानबूझ कर उसकी तरफ नहीं देख रही थी ।

तभी समीर की बात सुनकर रूबी बोली , “वेरी नाइस । अमोल सर और एच आर वाले तुम्हारे अपने है और जिनके साथ रोज बैठकर काम करते हो वो तुम्हारे लिए पराये हो गए ।”
रूबी ने समीर के जवाब पर प्रतिक्रिया दी तो समीर उसे कहने लगा, “ऐसा कुछ भी नहीं है । तुम लोगों को अपनी छुट्टियों के बारें पहले से बता देता तो तुम सब मिलकर मुझे बलि
का बकरा बनाकर मेरा मजाक उड़ाते ।”

रूबी को को समीर की कही बात समझ नहीं आई । उसने उससे कहा , “मैं कुछ समझी नहीं ।”

अब समीर के चेहरे पर जवाब देते हुए मुस्कुराहट आ गई, “मैं अपना लाइफ पार्टनर पसंद करने घर गया था । तुम्हें पहले से इस बारें में पता चल जाता तो हर समय तुम मेरा मजाक उड़ाती रहती ।”

समीर की बात सुनकर रूबी हँस दी और थोड़ा और जोर से बोली, “क्या बात है समीर ? तुझसे कौन सी लड़की शादी करने को तैयार हो गई ?”

रूबी की बात सुनकर समीर चिढ़ गया और बोला, “देखा ! इसीलिए ही नहीं बताया था तुम्हें। अभी पूरी बात सुनी भी नहीं और मेरा मजाक बनाने लगी।”

रूबी के साथ डांस करते हुए समीर बार-बार काव्या की तरफ नजर डाल रहा था । काव्या ने उसकी इस हरकत को तीन चार बार ध्यान में लिया और फिर अनय का हाथ
पकड़कर बोली, “अनय, चलो । कैंटीन में चलते है । मुझे यहाँ घुटन हो रही है ।”

काव्या के ऐसा कहने पर अनय चौंककर बोला, “तुम्हारी तबियत तो ठीक है ?”

काव्या ने अनय की बात का जवाब नहीं दिया और उसका हाथ पकड़कर डांस फ्लोर से बाहर निकलकर कैंटीन की तरफ जाने लगी ।

रूबी ने काव्या और अनय को वहाँ से जाते हुए देखा और समीर की बात का जवाब देते हुए उसे पूछने लगी, “अच्छा बताओं तो सही । तुम्हारी होने वाली लाइफ पार्टनर दिखने में कैसी है ? मेरे जैसी बोल्ड है या काव्या की तरह सुन्दर ?”

रूबी की बात सुनकर समीर हँस दिया और उस पर अपना रुबाब जमाते हुए बोला, “तुम दोनों तो उसके आगे कुछ भी नहीं हो । वो इस दुनिया की सबसे सुन्दर लड़की है ।”

समीर की बात सुनकर रूबी ने धीरे से उसे धक्का दिया और बोली, “जा जा । ज्यादा फेंक मत । इस दुनिया की सबसे सुन्दर लड़की अगर तुझसे शादी करने को तैयार हो गई तो हम लड़कियों को सुन्दरता की परिभाषा बदलनी पड़ेगी ।”

समीर रूबी पर गुस्सा हो गया और बोला, “फिर से मजाक ! इसीलिए मुझे तुमसे बात करना अच्छा नहीं लगता ।”

समीर की बात का जवाब देते हुए रूबी बोली, “मजाक नहीं सच कह रही हूँ समीर । तुमने छुट्टियों पर जाने से पहले काव्या के साथ जो हरकत की थी ना, उसके बारें में अगर तुम्हारी फियान्स को खबर कर दूँ तो दो मिनिट में तुम्हारे शादी करने के अरमान टूट जाएँगे ।”

रूबी की धमकी सुनकर समीर अभी प्रतिक्रिया देने ही वाला था कि रूबी ने उसके पास से जाते हुए आगे कहा, “और हाँ ... बात करने के लिए मैंने तुम्हें नहीं बुलाया था । तुम खुद ही अपनी पूँछ हिलाते हुए इधर चले आये थे ।”

समीर की प्रतिक्रिया देखने के लिए रूबी वहाँ खड़ी नहीं रही । समीर रूबी को अपने पास से जाते हुए देखता रह गया ।

कैंटीन में आकर काव्या की जिद पर अनय ने खाने की प्लैट ले ली और उसके साथ कैंटीन से बाहर गैलरी में आकर खड़ा हो गया ।

“तो तुम समीर की वजह से वहाँ से निकल आई ?” अनय ने खाना शुरू करते हुए काव्या से पूछा ।

समीर का नाम सुनकर काव्या का मूड बिगड़ने लगा । वो बोली, “आइ हेट समीर । ”

अनय समीर को लेकर काव्या के साथ हुए घटनाक्रम को याद कर उसे समझाने लगा, “इट्स ओके काव्या । वो हमारा कलीग है तो उसके साथ समाधान तो करना ही होगा ।”
अनय की सलाह सुनकर काव्या गुस्सा हो गई और बोली, “उसने जो लेटर मुझे भेजा था, वो तुमने भी पढ़ा था न ? कितनी घटिया बातें लिखी थी उसने ।”

अनय ने मिठाई का एक टुकड़ा अपने मुँह में रखते हुए काव्या से कहा, “मैंने उसे तुम्हारे आगे सॉरी कहलवाया था न ? उसने तुमसे माफी माँग ली तो तुम्हें भी अब उस बात को भूल जाना चाहिए ।”

काव्या अनय की कही बातों को स्वीकार नहीं कर पा रही थी । उसने अनय की बात पर अपना विचार रखा, “एक लड़की ही इस बात को समझ सकती है । मैं उसे अपना अच्छा दोस्त समझती थी लेकिन उसने मेरी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है ।”

अनय काव्या की भावनाओं समझ पा रहा था लेकिन बार बार उसे समझाने का प्रयास करने पर भी वो समझ नहीं रही थी । हारकर अनय ने काव्या से कहा, “तुम्हारे लिए समीर वाला किस्सा इतना ही महत्व का है तो जाकर उसकी शिकायत कर दो एच आर में ।”

अनय की बात सुनकर काव्या परेशान हो गई और बोली, “मेरे पास उस बात का कोई सबूत नहीं है । एक तो वो लेटर उसने ऑफिस के बाहर दिया था मुझे और उसने लेटर में कहीं भी अपना नाम नहीं लिखा था. लेटर उसकी हैंड राइटिंग में भी नहीं था । नाम बिना के टाइप किए हुए लेटर को ले जाकर क्या कहती एच आर से ?”

काव्या की बात में अनय को तथ्य नजर आया । वो बोला, “समीर बहुत ही चालाक है ।”

अनय की बात सुनकर काव्या ने मुँह बनाते हुए कहा, “चालाक नहीं, मेंटली बीमार है वो । अमोल सर की कजीन का लड़का है तो यहाँ किसी भी महिला कर्मचारी के साथ कैसा भी व्यवहार कर लेगा ? उसके केस में एच आर भी कुछ नहीं करेगा । एच आर वही तो करता है जो अमोल सर कहते है ।”

अनय काव्या की बात सुनकर बोर हो रहा था । वो उसे ये बातें कई बार कह चुकी थी । अनय ने बातों का दौर बदलते हुए काव्या से कहा, “समीर के नाम पर क्यों अपनी शाम खराब कर रही हो ? हम किसी और विषय पर बात करें ?”

इस पर काव्या ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, “मुझे अब कोई बात नहीं करनी है । जल्दी से डिनर खत्म करो और मुझे घर छोड़ दो । कैब का इन्तजार करुँगी तो आज घर पहुँचते हुए दो बज जाएँगे ।”

“ठीक है ।” अनय ने जवाब दिया और काव्या के साथ चुपचाप अपना डिनर करने लगा ।

डिनर करने के बाद वो उसे लेकर उसके घर की तरफ निकल गया । इस्कोन हाइट्स रेसीडेंसी के पास अनय ने काव्या को छोड़ा और वहाँ से वापस अपने फ्लैट की तरफ चला गया ।

ताला खोलकर काव्या आवाज किए बिना अन्दर आ गई और दरवाजा अन्दर से बंद कर लिया । अनय की कही बात उसे याद थी और वो इसी वक्त शालिनी को सॉरी बोलकर सारी परेशानी दूर कर लेना चाहती थी । बैड रूम में आवाज किए बिना जाकर उसने धीरे से अपना पर्स बैड पर रखा । वो नहीं चाहती थी कि शालिनी उसके आने की आहट सुनकर इस वक्त जाग जाए । उसने शालिनी को एक खास तरीके से सॉरी कहने का प्लान बनाया था जो वो बाथरूम में फ्रेश हो जाने के बाद करने वाली थी । तभी कमरे में फैली हुई मंद रोशनी में उसने बैड पर सो रही शालिनी पर नजर डाली । शालिनी बैड के एकदम कोने पर बेखबर सी सोई हुई थी और इसी वजह से उसका सीधा हाथ बैड से बाहर नीचे लटक रहा था । हल्की सी रोशनी शालिनी के चेहरे पर पड़ रही थी और नींद में अपनी मम्मी का परेशानी से मुक्त चेहरा देखकर काव्या को अचानक से शालिनी पर ढेर सारा दुलार उमड़ आया । वो अपना प्लान भूलकर शालिनी के चेहरे के पास आकर उसके माथे को चूमने के लिए जैसे ही झुकी, उसे फर्श पर कुछ गिरने की आवाज सुनाई दी । काव्या ने नीचे फर्श पर नजर डाली तो फर्श पर बिखरी पड़ी छोटी छोटी टेबलेट्स देखकर वो घबरा गई । नीचे झुककर उसने अपने पैरों के पास पड़ी काँच की छोटी सी शीशी उठाई और घबराहट के मारे शालिनी के चेहरे पर नजर डाली । एक अनजान आंशका के डर से वो अपने हाथकी दो ऊँगलियाँ शालिनी की नाक के पास ले गई और उसने कुछ महसूस किया ।

शेष अगले हफ्ते

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Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

ख़ूबसूरत लेखन

Ashish Dalal3 years ago

शुक्रिया भाई साहब

दादी की परी
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