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दादी के सपने - सीमा वर्मा (Sahitya Arpan)

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दादी के सपने

  • 281
  • 13 Min Read

#शीर्षक
. " दादी के सपने"
यह संयोग ही था कि दादी की मोबाईल की बैटरी रविवार को खत्म हो गई ।
घर के हर सदस्य अपने काम में दिन भर व्यस्त रहते हैं किसी के पास उनके लिए समय ही नहीं बचता है।
सदा की हँसने -हँसाने वाली दादी अब बोर होती रहती सारे दिन बरामदे में बैठ कर यह तो भला हो पोते गौरव का जिसने उन्हें वीडियो गेम में माहिर कर दिया है ।
वह शान से कहता है ,
" मेरी दादी तो २१ वीं सदी की है "
दादी भी खुश पोते राम भी खुश ।
" गौरव अरे ओ गौरव कहाँ गया बेटा ?
जरा मेरे फोन में नयी बैट्री तो लगवा दे मैं बैठी-बैठी बोर हो रही हूँ "
" नहीं तो फिर मुझे मन्दिर के ही दर्शन करवा दे "
आज छुट्टी का दिन है । गौरव टीवी पर " टाईम- मशीन " मूवी देख रहा था ,
" ओ दादी इधर तो आओ आज तुम्हें मैं गेम से भी बढ़िया मूवी दिखलाता हूँ फिर मन्दिर ले चलूंगा "
" अच्छा क्या नाम है बताओ तो "
वे मूवी का नाम सुन खुशी से आ कर सोफे पर बैठ गई ।
कितने अनोखे और अचंभित करने वाले दृश्य झनझनाती आवाज के साथ सामने आने लगे ।
अप्रिल का महीना , अब भी हवा में हल्की खुनखुनाहट है।
सोफे पर सिर टिका कर अधलेटी दादी मन्दिर दर्शन की ही कल्पना कर रही थी किउन्हें कब झपकी आ गई ... पता ही नहीं चला।
कान में घंटी की मधुर आवाज आने लगी ,
" वाह कितनी मीठी "
वे उस ओर बढ़ चलीं
जहाँ मेनगेट पर दो नन्हें रोबोट खड़े हैं उनके हाँथ में बायोमेट्रिक सिस्टम है ।
जिस पर हाँथ रखते ही मन्दिर के द्वार खुल गए।
हैरान हो कर वे देख रही हैं
" यह क्या पूरे मन्दिर प्रागंण का डिजिटलाइजेशन हो गया है हाए ,
क्या यह संभव है ? "
चारो तरफ शांती फैली है कंही भजन-कीर्तन नहीं हो रहे ।
तभी बायीं ओर करीने से रखे कंप्यूटरों में से एक से सूचना देती हुयी फ्लैश लाईट चमकी और घरघराती सी आवाज आई ,
" आपका वेटिंग नम्बर है १०९ और पासवर्ड है " दर्शन " ।
यह सुन उन्होंने उस रोबोट जिसकी शक्ल गौरव से मिलती -जुलती लग रही है
की ओर देखा तो वह भावना शून्य सा एक ओर खड़ा दिखाई दिया ।
चारो तरफ नजर दौड़ाई ,
उनके जैसे ही परदेशी बेफिक्र से घूम रहे हैं ।
कंप्यूटर से घरघराती हुयी आवाज आई ,
" अपना नम्बर कन्फर्म करने के लिए दाईं ओर जो रैंडम नम्बर है उस पर अपने पासवर्ड क्लिक करें "
वह रैडंम नम्बर भी अनोखी शैली में और बेहद फास्ट लग रहा है ।
दादी बिचारी " द " टाइप कर रही हैं तो " क " टाइप हो गया ।
मुसीबत ही मुसीबत उसे समझ में नहीं आ रहा है अब क्या करे बहुत कोशिश करने पर नम्बर डाली कि कंप्यूटर क्रैश कर गया उसमें से एक रोष भरी घरघराहट निकली ,
" आपने गलत पासवर्ड डाला है आप एक ओर हो जाएं आपका समय खत्म हो गया "
" बाद में कोशिश करें "
दादी मायूस हो कर एक ओर हो गई ,
" या भगवान् अब तेरे दर्शन भी दुर्लभ हो गये जा... "
अगर तेरा मालिक भी यह टेक्नोलॉजी ही है तो बुरा हो इसका " ।
कह नींद में ही अपने पांव खींच कर चला दिए जो पास बैठे गौरव को लगी ,
" आ...ह दादी आप भी ना " वह कराह उठा ।

स्वरचित / सीमा वर्मा

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Roohi Shrivastava

Roohi Shrivastava 3 years ago

,,😍😍😍😍😍😍😍😍

Shekhar Verma

Shekhar Verma 3 years ago

hahahaha🤣🤣

सीमा वर्मा3 years ago

,🙏🙏💐💐

Anjani Kumar

Anjani Kumar 3 years ago

🤪🤪🤪🤪🤪🤪

सीमा वर्मा3 years ago

जी हार्दिक 🙏🙏💐💐

Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण

सीमा वर्मा3 years ago

जी सर हार्दिक धन्यवाद

दादी की परी
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