Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
मेरे घर की खिड़की से - Minal Aggarwal (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

मेरे घर की खिड़की से

  • 254
  • 4 Min Read

मेरे घर की
खिड़की से
दिख रही जो
सड़क
मैं उस पर चल नहीं
सकती
आसमान में जो
उड़ रही
पतंग
मैं उसे उड़ा नहीं
सकती
पंछी जो बैठा
बिजली की तार पे
मैं उसको वहां से
हटा नहीं सकती
पेड़ से पत्ते टूटकर जो
गिर रहे
मेरे आंगन
मैं उन्हें वापिस
उनके स्थान पर
पहुंचा नहीं सकती
मैं पूर्णतया स्वतन्त्र हूं
फिर भी
सब कुछ मेरे नियन्त्रण में नहीं
यह राह जो
गुजर रही
मेरे करीब से होकर
मैं इसे सुबह शाम
निहार रही
यह मुझे पहचानने को
तैयार नहीं
कभी मुड़कर देखती नहीं
किसी अजनबी की तरह
कभी मुझे अपना बनाने को
राजी नहीं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) - 202001

FB_IMG_1623650515359_1623724654.jpg
user-image
Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

सुन्दर भाव

वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg