कविताअतुकांत कविता
हर रोज
जो मैंने
तुम्हें एक गुलाब का फूल
तोड़कर दिया तो
वह गुलाब के फूलों का
बाग तो
बहुत जल्द खाली हो
जायेगा
उजड़ जायेगा
तबाह हो जायेगा
बर्बाद हो जायेगा
खत्म हो जायेगा
तुम तो रह लोगी जिन्दा
बिना गुलाब के भी
बिना अपनाहट के
बिना प्यार के
बिना इंतजार के
बिना चाहत के पर
वह बाग अपने गुलाब के
फूलों के दीदार के बिना
कैसे एक पल भी जिन्दा रह पायेगा।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) - 202001