कवितालयबद्ध कविता
आशा एक किरण
🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟
मुश्किल है डगर लम्बा है सफर
मंज़िल की फ़िकर घबराए जिगर
अपनों में ही अपने ढूंढे नजर
जीवन की परीक्षा आंखें सजल
उम्मीदों की तु डोर पकड़
माना पथरीले हैं रास्ते
तुझे चलना है तेरे वास्ते
घना अंधेरा चहूँ ओर है
पर संग जीवन की डोर है
दे अग्नि परीक्षा हो ना विकल
उम्मीदों की तु डोर पकड़
मन चंचल है भरमायेगा
कोई ठौर समझ ना आयेगा
आशाओं का लेकर संबल
राहों में जो बढ़ता जायेगा
वही वक़्त से भी लड़ पायेगा ।।
पल्लवी रानी❤
मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
कल्याण, महाराष्ट्र