कविताअतुकांत कविता
खोए हुए पंक्षी वापस आएंगे क्या मिलने
बीता हुआ दिन वापस आता है क्या?
एक उम्र गुजारी हो जिसके संग
उसके जाने से वक्त ठहर जाता है क्या?
कोई छोड़ चला जाए इस जग को
पर अपनों के दिल से कभी निकल पाता है क्या?
एक दर्द टीस बनकर मन को तड़पाता है
उसके संग गुजरी यादें भी
मन कभी भूल पाता है क्या?
जीते जी गले लगा लो
अपने पन से सहला दो
जाने पर Miss youका अर्थ कहीं रह जाता है क्या?
अंजनी त्रिपाठी
गोरखपुर उत्तरप्रदेश