कविताअतुकांत कविता
पहली बारिश की बूंदों सी
पहली बारिश की बूंदों जैसी,
संगीत सी बजती वो लड़की।
मन की धरती पर सौंधी खुशबू सी,
महकती जाती वो लड़की।
रुनझुन करती पायल बजाती,
नाचती गाती वो लड़की।
बारिश में भीगती गाती,
नीली आँखों वाली वो लड़की।
सुनहरे बालों वाली सुंदर सी ,
दूध के फेनिल सी वो लड़की।
हिरनी जैसी कुचाले भरने वाली
भोर की पहली किरण सी वो लड़की।
सुर्ख सेब से गालों वाली वो लड़की ,
गुलाब से होठों वाली वो लड़की।
मोर के पंखों से रंग- बिरंगे
सपने बुनने वाली वो लड़की ।
ओस की बूंदों सी नाजुक है,
हीरे सी चमकती वो लड़की।
मेरे ख्वाबों में आने वाली वो लड़की।
मेरी नींदों को उड़ाने वाली वो लड़की।
मेरे सपनों में आकर मुझे अपना,
दीवाना बनाने वाली वो लड़की।
वो नाजुक सी, भोली -भाली सी,
मुझको चाहने वालों वो लड़की
राजेश्वरी जोशी,
उतराखंड