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कठपुतली - Minal Aggarwal (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

कठपुतली

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कोई भी
निर्णय लेना
तब बहुत कठिन हो जाता है
देखा जाये तो
बिल्कुल ही असम्भव
जब उस व्यक्ति के
जीवन की गतिविधियों की
डोर
दूसरे लोगों के हाथ में
हो
तब वह मात्र
एक कठपुतली बनकर
रह जाता है
एक मूकदर्शक
बस दूसरे के
इशारों पर नाचती
एक भी शब्द
अपने मुंह से न निकालती
कठपुतली की ही तरह।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) - 202001

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