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कच्चे रास्ते (साप्ताहिक धारावाहिक)
सतरंगी ख्वाबों में जीती काव्या और अपनी जिन्दगी में बिन्दास रवैया रखने वाला अनय एक ही ऑफिस में काम करते हुए एक दूसरे को दिल दे बैठे । अनय की परवरिश विदेश में हुई थी । अनय अपने मम्मी पापा के टूटे हुए रिश्ते को देखकर शादी जैसे बँधन को बहुत गंभीरता से नहीं लेता था और live-in relationship को काव्या के साथ जीने के लिए एक बेहतर और सुरक्षित रास्ता मानता था । भारतीय परिवेश में पली-बढ़ी काव्या विचारों से आधुनिक जरुर थी लेकिन वह शादी को जिन्दगी की सबसे महत्वपूर्ण जरूरत मानती थी । अनय के प्रेम में पड़कर उसके विचारों का प्रभाव काव्या पर बढ़ता ही जा रहा था और वह उसकी तरफ एक चुंबक की भांति खींची चली जा रही थी पर काव्या की मम्मी शालिनी अपनी बेटी और अनय की बढ़ती हुई नजदीकियां देखकर बिल्कुल भी खुश नहीं थी । वह नहीं चाहती थी कि काव्या अनय के साथ कोई संबंध रखे ।
दूसरी तरफ काव्या के ऑफिस में ही काम करने वाला समीर उसके एक तरफा प्यार में पागल था पर उसके प्यार से अनजान काव्या उसे एक दोस्त से ज्यादा कुछ नहीं समझती थी ।
लिव इन रिलेशनशिप और शादी के बाहर के संबंधों को लेकर चलती हुई रिश्तों के उलझन वाली यह कहानी आप सबके समक्ष प्रस्तुत होने जा रही है १५ मई से । शब्दों की मर्यादा के संग रिश्तों के पक्के अहसासों के साथ यह धारावाहिक हर शनिवार आपके लिए हाजिर होगा “साहित्य अर्पण” पर ।