Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
एक लहराते पंछी सी - Minal Aggarwal (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

एक लहराते पंछी सी

  • 267
  • 4 Min Read

चिड़िया
तुम कितनी छोटी सी हो
प्यारी सी हो
भोली भाली सी हो
तुम्हें शायद पता भी नहीं
तुम तो दर्पण में झांककर
खुद को पहचान भी नहीं
पाओगी
मैं अपनी हथेलियों पर
तुमको धर दूंगी तो
मेरे स्पर्श को जान भी नहीं
पाओगी
तुम्हें तो यह भी नहीं पता कि
तुम गुणों की खान
मेरी जान हो
तुम्हें तो अभी उड़ना भी नहीं
आता
किसी रास्ते पर चलना भी
नहीं आता लेकिन
तुम्हें देखकर मैं
एक फूल सी खिल जाती हूं
इतनी प्रसन्न होती हूं कि
तुम्हें साथ लिये
खुशियों के परों पर बैठकर
सतरंगी सपनों के रंग बिरंगी
आकाश में
एक लहराते पंछी सी उड़
जाती हूं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) - 202001

FB_IMG_1621055877288_1621057659.jpg
user-image
रवि शंकर

रवि शंकर 3 years ago

वाह

वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg