लेखअन्य
#ममता
"माँ " शब्द में ममता छिपी हुई है।जिसे समझी तो थी पर महसूस तब की जब खुद को "माँ" के रूप मे पायी। वो एहसास दुनियाँ की हर खुशियाँ, दौलत से बड़ी हैं या यूँ कहूँ जिन्दगी से भी बड़ी है। जब आप अपने गोद मे अपने अंश को, अपने ही परछाई को लेते है। तो लगता है कि मैंने सब कुछ पा लिया। उन नन्हें-नन्हें हाथ , पैर और चेहरे को देखकर यूँ लगता है कि आपने दुनियाँ मे महानता हासिल कर ली हो, या फिर यूँ कहें कि उसने जन्म लेकर आपको दुनियाँ मे सबसे महान दर्जा या मुकाम दिलाया है।
उसकी हर हरकतों को देखना। उसका हँसना,रोना,खेलना......सबमें एक जादू- जैसा हो। जो आपको हर पल मुग्ध करता रहता है और उसकी वो पहली बोली सुनना "अम्मा" । जिसे सुनकर ऐसा लगे जैसे हमने कुछ ऐसा कर दिखाया जिसे कोई न कर सका हो। उस शब्द के बाद तो जैसे और कुछ मायने ही नहीं रखते।........मेरी एक छोटी -सी भेंट हर ममता के प्रति।
@champa यादव
24/08/20