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माँ की रोटी - Rashmi Sharma (Sahitya Arpan)

कविताबाल कविता

माँ की रोटी

  • 195
  • 2 Min Read

माँ की रोटी मोटी मोटी
कितनी मीठी कितनी सोंधी
देखकर इसको जी ललचाए
घरवालों के मन को भाये
पूछूं इसको कैसे बनाती ?
इसमें ऐसा क्या हो मिलाती?
अच्छा !! समझी तेरी माया
इसमें अपना प्यार मिलाया
थाली में रख चुपड़ी रोटी
जब जब हमें खिलाती हो
खाने के सारे सुख मैया
तुमही मन मैं पाती हो

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नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

waah bahut khub

Rashmi Sharma3 years ago

बहुत बहुत धन्यवाद

प्रपोजल
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