Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
मां - Madhu Andhiwal (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

मां

  • 575
  • 2 Min Read

मां
मैने स्वर्ग तो नहीं देखा ,
पर मां को देखा है ,
बिन मां के मै कहां थी,
ना वह गोद थी ना वह बाहें थी,
ना वह आंचल की छांव थी ,
अब तो मां सच में ,
बहुत याद आती हो,
वह रात में सर को सहलाना ,
और डांट कर सुला देना,
दिन भर बहुत थकती हो ,
अब बेटा आराम करो ,
अब तो मै भी मां हूँ,
पर अब कोई मुझे बेटा नहीं कहता .
मातृत्व दिवस की हार्दिक शुभ कामनायें
स्वरचित
डा.मधु आंधीवाल

FB_IMG_1620543182882_1620551874.jpg
user-image
Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 4 years ago

बहुत सुन्दर भाव..!!

Madhu Andhiwal4 years ago

आभार

वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg