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चमक चाँदनी। - नेहा शर्मा (Sahitya Arpan)

कविताबाल कविता

चमक चाँदनी।

  • 103
  • 2 Min Read

यदि मैं होती चमक चांदनी।
पूरे अंगना में झिलमिल करती।
तारे मुझसे जलते रहते
रोशनी संग भी खेला करती।
चंदा मुझसे खूब बतियाता
तारों जैसे टिमटिम करती।
यदि मैं होती चमक चांदनी।
संसार भर में दमाका करती - नेहा शर्मा

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Rashmi Sharma

Rashmi Sharma 3 years ago

बहुत खूब

प्रपोजल
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वो चांद आज आना
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