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कविताबाल कविता
यदि मैं होती चमक चांदनी। पूरे अंगना में झिलमिल करती। तारे मुझसे जलते रहते रोशनी संग भी खेला करती। चंदा मुझसे खूब बतियाता तारों जैसे टिमटिम करती। यदि मैं होती चमक चांदनी। संसार भर में दमाका करती - नेहा शर्मा
बहुत खूब