लेखसमीक्षा
पुस्तक समीक्षा
भारत के वीर - एक परिचय
प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय इतिहास के महानायको , वीरांगनाओ तथा देश - धर्म पर मर मिटने वाले गुरु गोविन्द सिंह जी के बाल- पुत्रो की बलिदानी गाथाएँ रोचक शैली में लिखी गई है । प्रथम कहानी महाप्रतापी शासक वीर विक्रमादित्य के जीवन चरित्र पर आधारित है । इन्होने 57 ई. ॰ पू. ॰ में विक्रम सम्वत चलाया था । तदुंपरात पृथ्वीराज चौहान , राजा भोज , छत्रपति शिवाजी महाराज , पोरस , महाराणा प्रताप और कश्मीर के राजा ललितादित्य मुक्तापीड़ शामिल है । झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई , पाटन की रानी रुदाबाई और एक सामान्य परिवार की क्षत्राणी वीरांगना हीरादे की गाथाएँ बच्चो तथा युवाओ में देश प्रेम की भावना जगाने का महत्वपूर्ण कार्य करेंगी । सरल और सहज भाषा में लिखी ये कहानियां पाठक पर अपना प्रभाव छोड़ने में सक्षम है ।
पुस्तक की लेखिका श्रीमती सीमा तंवर यूं तो दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में बतौर सीनियर सेक्रेट्रिएट असिस्टेंट कार्यरत है लेकिन उनके भाव और शब्द राष्ट्र समर्पण की मिसाल पेश करते हैं। आपने ये अनुभव किया कि देश के किशोर और युवा दिग्भ्रमित हो रहे हैं । वे कार्टून और फ़िल्मी दुनिया के खोखले चरित्रों को अपना आदर्श मानने लगे है, तब आपने भारत की महान विरासत से चुनकर कुछ अनमोल रत्न इन कहानियों के रूप में हमारे सामने प्रस्तुत किये हैं । आपका यह प्रयास सराहनीय और अनुकरणीय कहा जायेगा । आपको अपने इतिहास , संस्कृति , देश और भविष्य की चिंता है , यह आपके कर्तव्य निष्ठ नागरिक होने का प्रतीक है ।
सुन्दर कलेवर , स्प्षट छपाई , उत्तम कवालिटी का कागज और चित्रों का संकलन पुस्तक को बेजोड़ बना रहा है ।। भाषा सहज, बोधगम्य और ऐतिहासिक सन्दर्भानुकूल है - छापामार , पराक्रम , जौहर , गद्दार , हाथी के पैरों तले कुचलना आदि शब्द भाषा को प्रवाहमय बना रहे हैं । कुल मिलकर एक लघु आकर में महान् और विशद् चरित्रों को समेटने का प्रयास है ।
मैं शुभकामनाएँ देता हूँ कि यह पुस्तक लेखिका के लिए कीर्ति स्तम्भ बने ।
समीक्षक - नरेंद्र सिंह नीहार
शिक्षाविद एवं साहित्यकार
संयोजक : हिंदी की गूँज परिवार
नई दिल्ली - 110080
बहुत सुंदर समीक्षा
हार्दिक आभार और अभिनन्दन आपका ।
भारत के भारत के वीरों को मेरा ह्रदय पूर्ण नमन 🙏🙏❤
नमन भारत माता के वीर सपूतों को
भारत का हर बच्चा अपनी मजबूत जड़े पहचाने बस इतना ही प्रयास है 🙏🏻
आपने सच्चे आदर्शों को चुनकर सुपथ चुना है।