कविताभजन
कर लो विनती मेरी अब स्वीकार मेरी माँ
तेरे चरणों में लाखों प्रणाम मेरी माँ 🙏
मईया का मुखड़ा बड़ा प्यारा प्यारा
देता टूटे दिलों को सहारा 🤝
अब बिगड़ी मेरी तू संवार मेरी माँ
कर लो विनती मेरी अब स्वीकार मेरी माँ
लाल चुनर मन को मेरे मोहे🌺
सुन्दर आभा से तन को भिगोयें
अब नजरों से तू निहार मेरी माँ 👀
तेरे चरणों में लाखों प्रणाम मेरी माँ
कर लो विनती मेरी अब स्वीकार मेरी माँ
तेरे चरणों में लाखों प्रणाम मेरी माँ 🙏
हर युग में राक्षसों का संहार किया है👹
मानवता को उबार दिया है
अब तू ही मुझे उबार मेरी माँ 🙏
कर ले विनती मेरी अब स्वीकार मेरी माँ
दुनियां में हाहाकार मचा है😭
करोना का प्रकोप बढ़ा है🥱
अब इससे तू ही निसार मेरी माँ
कर लो विनती मेरी अब स्वीकार मेरी माँ
तेरे चरणों में लाखों प्रणाम मेरी माँ 🙏
नैया मेरी मझधार खडी है🏄♀️
बिन सहारे पतवार खड़ी है
अब तू ही ले चल उसपार मेरी माँ 🚣♀️
कर लो विनती मेरी अब स्वीकार मेरी माँ
तेरे चरणों में लाखों प्रणाम मेरी माँ।🙏🙏🙏🙏