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नकारा - Meeta Joshi (Sahitya Arpan)

कहानीप्रेरणादायकलघुकथा

नकारा

  • 1090
  • 10 Min Read

देश के लिए मर मिटने का उसमें जो जज़्बा था आज उसने वो पूरा कर दिखाया।जाते-जाते मुँह में एक ही शब्द था," माँ अब कभी मत कहना तेरा बेटा नकारा था।"
आर्मी में अच्छी रैंक मिलने के बाद भी वो वहाँ की सख्ती से जब सामंजस्य ना बैठा पाया तो छोड़ने का मानस बना चुका था।माँ के लाड़-प्यार में पला बेटा सोच रहा था कि इस निर्णय आज भी माँ उसी का ही साथ देगी।
जब उसने अपनी इच्छा माँ के सामने रखी तो माँ ने सबके सामने सिर पीटकर कहा,"बिल्कुल नकारा है तू।लोग तेरे लिए सच कहते थे।तू जीवन में कभी कुछ नहीं कर सकता।"
माँ के तिरस्कार पूर्ण व्यवहार से आहत होकर उसने वापिस जा देशसेवा में मन लगाने निर्णय लिया।जाते वक्त माँ के पाँव छूकर बोला,"अब उस दिन मेरी शक्ल देखेगी जिस दिन मैं कुछ कर दिखाऊंँगा।तब गर्व से कहेगी 'ये मेरा बेटा है।"

सख्ती से नियमों का पालन करते हुए देश सेवा हेतु जी तोड़ मेहनत करने लगा।दिनों दिन तरक्की करता रहा आज 'मेजर अजय' के सानिध्य में सेना की एक टुकड़ी दुश्मनों से आक्रमण के लिए मंसूबे तैयार कर रही है।बहुत संघर्षों के बाद दुश्मन खेमे के तीन ऑफिसर्स ने एक प्लान के तहत मेजर अजय को निशाना बना लिया।अपनी ही सेना की गोली जब उसके सीने में दागी जा रही थी तो दुश्मन के जवान उसकी आड़ में खड़े अपनी फतह का एलान कर रहे थे।इतने में मेजर अजय की सेना के जवानों ने उन्हें घेर लिया।नहीं जानते थे कि मेजर की मौत भी उनके प्लान का एक हिस्सा है।तीनों ऑफिसर्स को पकड़ने के लिए मेजर ने खुद के रूप में एक निवाला उनके सामने डाला था।
दुश्मन सेना के सभी मनसूबे फेल हो गए। मेजर अजय का राजकीय सम्मान के साथ दाह-संस्कार किया गया जिसके लिए उनकी देह को उनके पैतृक घर ले जाया गया।
आज माँ ने अपने बेटे को सात-साल बस देखा।उसके हाथ में लिखा था,"माँ मैं नकारा नहीं हूँ।"
माँ कभी उसके गालों पर हाथ फेरती तो कभी सिर सहलाती फिर उसके माथे को चूमते हुए बोली,"मुझे गर्व है अपने बेटे पर।भगवान हर माँ को तेरे जैसा बेटा दे।आज देश की करोड़ों माओं को तुझ पर नाज है तो तू नकारा कैसे हो सकता है!
©मीताजोशी
जयपुर(राजस्थान)

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Amrita Pandey

Amrita Pandey 3 years ago

भावुक कर दिया मीता आपकी रचना ने।

शिवम राव मणि

शिवम राव मणि 3 years ago

बहुत सुंदर । भाव पूर्ण

Mukesh Joshi

Mukesh Joshi 3 years ago

एक मां के लिए बेटा कभी नकारा नहीं होता....वो तो माँ का मन था,वो चाहती थी मेरा बेटा कुछ करे इसलिए इतने कठोर वचन कह गयी।देशभक्ति के लिए बेटे के दिए त्याग को देख नेत्र खुशी से सजल थे।

Himani Chaturvedi

Himani Chaturvedi 3 years ago

Beautiful story

Himani Chaturvedi

Himani Chaturvedi 3 years ago

Beautiful story

Shivangi lohomi

Shivangi lohomi 3 years ago

Ati uttam❤️👌👌😍😍👏👏

दादी की परी
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