कविताअतुकांत कविता
*मेरा परिवार*
छोटा सा प्यारा परिवार
मेरा गुलशन है गुलज़ार
सोनू बेटी, विवेक राजा
नवासी कोपल चित्रकार
रूपा रूपल बहु व बेटा
पोती पँखुरी है नृत्यकार
अबीर पोता है कलाकार
ड्रम ढोल बजाए जोरदार
रहते सब हम साथ साथ
लिए सदा हाथों में हाथ
प्रभु का बड़ा उपकार है
मिले अनमोल उपहार हैं
सब अच्छा,सब अच्छे हैं
हाँ,नहीं और कोई चाह है
पति थे और हैं मेरा गुमान
मेरा परिवार है
मेरा अभिमान
सरला मेहता
इंदौर