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होली खेले - Manoj Johari (Sahitya Arpan)

कविताबाल कविता

होली खेले

  • 165
  • 3 Min Read

**होली खेले*
आओ रघुवीरा होली खेले
बरसाने में धूम मची
कोई ना रहे सुखा अब
मस्तानों की टोली चली ।।
सूझी मस्ती और ठिठोली
सूखा ना रहेगा कोई ।
हरा, लाल, पीला, नीला
रंगा होगा हर कोई ।।
ढोल मृदंग नगाड़ों के संग
नाच उठा मन मोर ।
तुम भी आ जाओ कृष्ण- कन्हाई
मच उठा होली का शोर ।।
आओ मिलजुल होली खेले
मन मिटा नफरत के बीज ।
ज्यो रंग लगा गोर गालों पर
प्रेम,प्यार से हो ली प्रित ।।
**मनोज जौहरी* मन
खंडवा
9691127860

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नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूब 👌🏻

Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

सर कृपया कविता के साथ रचना से जुड़ी तस्वीर लगाएं अपनी नहीं

प्रपोजल
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वो चांद आज आना
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माँ
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तन्हाई
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