Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
ज़िन्दगी एक रंगमंच - Gaurav Shukla (Sahitya Arpan)

लेखअन्य

ज़िन्दगी एक रंगमंच

  • 527
  • 9 Min Read

ज़िन्दगी एक रंगमंच है जहाँ हर कोई अपने किरदार की अदाकारी से तालियों की गड़गड़ाहट को कमाना चाह रहा है, और इस रंगमंच में रंग का उतना ही महत्व ही जितना कि एक विवाहित स्त्री के माथे पर सिंदूर.....अगर ये रंग उतर गया....तो ज़िन्दगी विधवा लगने लगती है।
वहीं गौर करने वाली बात ये है कि ज़िन्दगी को असल मे रंगमंच कहते क्यों हैं? अगर इस शब्द रंगमंच को अलग अलग किया जाए तो दो शब्द निकल कर सामने आतें हैं पहला..- रंग
वहीं दूसरा शब्द ....-मंच संसार मे जितने इंसान हैं उससे कहीं ज्यादा रंग हैं... हाँ ये अलग बात है कि हमें पहचान कुछ ही रंगों की है...! और जब तक दूसरे या अलग रंग की पहचान कर पाते उससे कहीं पहले वह रंग अपने अदाकारी से सभी रंगों से घुल-मिल जाता है और ये सब एक ही जगह तो होता है....!
मंच पर.....!
और वहीं दूसरी ओर तालियों की गड़गड़ाहट तय करती है उसके रंग के पक्का या गहरा होने की संभावना को...और यही कारण है कि मंच पर रंग मिलावटी होने की उतनी ही संभावना है जितनी कि तालियों की अहमियत....!
कभी कभी कई रंगों में इतनी समानता या यूं कहूँ कि इतनी कम मात्रा में अंतर होता है कि उन्हें पहचान पाना शायद मानव समाज के बस में न हो..!
और कुछ रंग आपस में इतने भिन्न होते हैं कि उनका रिश्ता एक ग्लास में रखे पानी और उस पर तैरती तेल की परत जैसा प्रतीत होता है, लेकिन फिर भी नए रंगों को अस्तित्व में लाने के लिए ये प्रयोग निरंतर चलते रहते हैं कुछ सफ़ल हो जातें हैं और तालियों की गड़गड़ाहट से सम्मानित व उदाहरण के लिए नामांकित हो जातें हैं वहीं दूसरी ओर कुछ असफल भी हो जातें हैं उनके हिस्से में मंच की नाराज़गी का चेहरा देखना पड़ता है।
ज़िन्दगी शायद इसीलिए एक रंगमंच है जहाँ सब अपनी अदाकारी से नए रंगों को जन्म देकर तालियों की गड़गड़ाहट को अपनी झोलियों में भरना चाह रहें हैं ये भूल कर कि ज़िन्दगी के इस रंगमंच पर तालियाँ भी हम में से ही एक अदाकार के हाँथो से होकर गुज़र रही है और संभावित भी है कि उसके हाँथो को उसके रंग से जलन व खुजली भी हो रही है ।

जय हो !

1616991212934_1617016300.png
user-image
नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 4 years ago

बिल्कुल बेहतरीन तरीके से समझाया है आपने आपका यह लेख गौरतलब है और आज के समय में सभी को पढना चाहिये।

Gaurav Shukla4 years ago

शुक्रिया मैंम आपका

Meeta Joshi

Meeta Joshi 4 years ago

सही कहा आपने ज़िन्दगी एक रंगमंच ही तो है।जितनी ज्यादा तालियां आपकी उतना आपका पक्ष मजबूत

Gaurav Shukla4 years ago

आभार🙏

समीक्षा
logo.jpeg