कविताअतुकांत कविता
यह प्रकृति
एक सुंदर पुस्तिका है
हो सके तो इसे
समय निकालकर
पढ़ो
इसके हर कण में
एक अलौकिक अहसास है
इसकी हर श्वास में
प्रभु का वास है
हो सके तो
इसका अहसास बुनो
अपनी रचनात्मकता को
एक नई उड़ान दो
हो सके तो
इस अंजान से
अपनी पहचान बनाकर
आजीवन एक रिश्ता जोड़कर
इसकी उजली सी एक डोर
अपने हाथों में पकड़कर
इसके हर पहलू को
दिल से छुओ
और प्रवेश पाओ
एक ऐसे मुकाम पाने के
सफर पर
जहां तुम्हें न खुद से
न किसी और से
कभी कोई गिला हो।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) - 202001