Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
प्रियवर हो - Gaurav Shukla (Sahitya Arpan)

कवितागीत

प्रियवर हो

  • 190
  • 2 Min Read

गुनगुनाती है तेरी आवाज प्रियवर हो,
चहचहाती है तेरी आवाज़ प्रियवर हो,
कुछ तुम कहो,
कुछ हम कहें,
हमराज प्रियवर हो,
दिल की बात हो नईया पार,
जज़्बात खास प्रियवर हो,
धड़क उठे,
कभी फड़क उठे,
जब बजे दिल के तार प्रियवर हो,
जब हो अबोध,
ये प्रेमरोग,
बनकर वियोग रहता है,
सुनो दिल की बात,
न सुने जिसे कायनात,
वो तुमसे कुछ कहता है,
प्रियवर हो..!
रहेंगे साथ,
न आर-पार,
सुने दिल पुकार,
हे प्रियवर हो...

-गौरव शुक्ला'अतुल'

IMG_20210305_190602_1614951439.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg